रेलवे से आवाजाही / अगले 10 दिन में 2600 श्रमिक ट्रेनों में 36 लाख यात्री सफर करेंगे; 1 जून से 200 ट्रेनों में आरएसी में भी सफर होगा

रेलवे से आवाजाही / अगले 10 दिन में 2600 श्रमिक ट्रेनों में 36 लाख यात्री सफर करेंगे; 1 जून से 200 ट्रेनों में आरएसी में भी सफर होगा





1 मई से अब तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सफर करने वाले 45 लाख प्रवासी मजदूरों में से 80% यूपी और बिहार के हैं।






  • रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने 45 मिनट प्रेस कॉन्फ्रेंस की, इसमें ट्रेन ट्रांसपोर्ट की स्थिति स्पष्ट की गई

  • रेलवे ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान एक मई से शुरू की गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से अब तक 45 लाख प्रवासी मजदूरों से सफर किया


नई दिल्ली. रेलवे ने शनिवार को ट्रेनों की आवाजाही को लेकर स्थिति स्पष्ट की। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि एक मई से शुरू की गईं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से अब तक 45 लाख प्रवासी मजदूर सफर कर चुके हैं। इनमें 80% मजदूर यूपी-बिहार के थे। उन्होंने बताया कि ट्रेन परिवहन की स्थितियां सामान्य करने के लिए रेलवे अगले 10 दिन में 2600 ट्रेनें शुरू की जाएंगी और इनमें 36 लाख लोग सफर करेंगे। रेलवे के अधिकारियों ने 45 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेल ट्रांसपोर्टेशन का खाका स्पष्ट किया। सवालों के जरिए जानिए वे जवाब ट्रेन सफर की स्थितियां स्पष्ट कर देंगे...


1) अगले 10 दिन में कितनी ट्रेनें चलेंगी?
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि अगले 10 दिन में 2600 ट्रेनें चलाई जाएंगी।
2) किन राज्यों के बीच चलेंगी?
यह श्रमिक स्पेशल ट्रेनें आंध्र से असम, बिहार से बिहार, छत्तीसगढ़ से छत्तीसगढ़, दिल्ली से गुजरात, गोवा से जम्मू-कश्मीर, गुजरात से कर्नाटक हरियाणा से झारखंड, जम्मू-कश्मीर से केरल, कर्नाटक से मणिपुर, केरल से ओडिशा, मध्य प्रदेश से राजस्थान, महाराष्ट्र से उत्तराखंड, पंजाब से उत्तराखंड, राजस्थान से त्रिपुरा, तमिलनाडु से उत्तर प्रदेश, तेलंगाना से पश्चिम बंगाल के बीच चलाई जाएंगी। इनके अलावा त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में ट्रेनें  चलाई जाएंगी।
3) 1 जून से शुरू होने जा रही ट्रेनों के बारे में क्या कहा?
रेलवे ने बताया कि 1 जून से 200 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू की जाएंगी। लोग 30 दिन पहले एडवांस में रिजर्वेशन करा सकेंगे।
4) आरएसी और वेटिंग टिकटों का क्या होगा?
आरएसी यानी रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन को परमिशन दी गई है। वेटिंग लिस्ट के यात्री जर्नी नहीं कर सकेंगे।
5) अभी इन ट्रेनों में कितने टिकट खाली, कितने बुक हुए?
अभी रोजाना 200 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनें चल रही हैं। 200 में 190 ट्रेनों में बुकिंग अवेलेबल है। अभी केवल 30 प्रतिशत टिकट बुक हुए हैं।
6) ट्रेनों के लिए क्या रेलवे ने ज्यादा किराया नहीं लिया?
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा- श्रमिक ट्रेनों का 85% खर्च केंद्र उठा रहा है। 15% खर्च किराए के रूप में राज्य दे रहे हैं। जहां तक राजधानी जैसी स्पेशल ट्रेनों की बात है तो हमने ज्यादा किराया नहीं लिया। किराया वही है, जो लॉकडाउन के पहले हुआ करता था। कंसेशन भी वही सारे हैं, जो पहले थे। लॉकडाउन से पहले बुजुर्गों के लिए कंसेशन खत्म किया था, क्योंकि हम चाहते हैं कि बुजुर्ग यात्रा न करें। जिनके लिए यात्रा बेहद जरूरी है, वे ही ट्रेनों में सफर करें।
7) अब तक श्रमिक ट्रेनों में कितनों ने सफर किया?
रेलवे ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अब तक 45 लाख लोगों ने श्रमिक ट्रेनों में सफर किया। इनमें से 80 फीसदी यूपी और बिहार के थे।
9) बंगाल में कम ट्रेनों की वजह?
पश्चिम बंगाल ने हमें 105 ट्रेनों की अनुमति दी है। 15 जून तक की समय सीमा दी है। चीफ सेक्रेटरी वेस्ट बंगाल ने हमें बताया है कि साइक्लोन के चलते वहां अभी दिक्कत है। जैसे ही वहां स्थिति ठीक हो जाएगी। वहां और भी ट्रेनें चलाई जाएंगी।
10) मुंबई से गोरखपुर के लिए निकली ट्रेन ओडिशा कैसे पहुंच गई?
मुंबई से गोरखपुर के लिए 21 मई को स्पेशल श्रमिक ट्रेन शनिवार सुबह ओडिशा के राउरकेला पहुंच गई थी। घटना पर पश्चिम रेलवे ने भी सफाई देते हुए कहा था कि ड्राइवर रास्ता नहीं भटका, बल्कि रूट पर भारी ट्रैफिक की वजह से इस ट्रेन के रूट में परिवर्तन करके उसे ओडिशा के रास्ते भेजा गया है।  
रेलवे ने बताया कि यह नार्मल प्रक्रिया है। जिस रूट पर भारी ट्रैफिक होता है, हम वहां ट्रेनें कम कर देते हैं। कम ट्रैफिक वाले रूट पर ट्रेनें बढ़ा दी जाती हैं। यह लॉकडाउन से पहले नार्मल दिनों में भी किया जाता रहा है।