अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव / अश्वेतों की नाराजगी भुनाने में जुटे डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन, युवाओं को लुभाने के लिए डिजिटल कैंपेन भी चलाएंगे

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव / अश्वेतों की नाराजगी भुनाने में जुटे डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन, युवाओं को लुभाने के लिए डिजिटल कैंपेन भी चलाएंगे



 




  • विज्ञापन का नाम प्रोग्रेस रखा गया है, इसकी शुरुआत प्रदर्शन के दौरान फिल्डेल्फिया में दिए गए बिडेन के भाषण के साथ होती है

  • डेमोक्रेटिक पार्टी ने बिडेन के समर्थन में अपने चुनाव प्रचार पर होने वाला खर्च भी बढ़ा दिया है


वॉशिंगटन. अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस अफसर के हाथों मौत के विरोध में अमेरिका में प्रदर्शन जारी हैं। इस बीच, डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन विरोध की आ‌वाजों को अपने हक में भुनाने की कोशिश में जुट गए हैं। वे अश्वेत युवाओं को अपने पक्ष में करने के लिए 5 मिलियन डॉलर( करीब 38 करोड़ रुपए) खर्च करके डिजिटल प्रचार मुहिम चलाएंगे। इसके लिए विज्ञापन तैयार कर लिए गए हैं। ये अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए जाएंगे। बिडेन का चुनाव प्रचार देखने वाली कमेटी ने इस मुहिम का नाम ‘प्रोग्रेस’ रखा है।


फिलहाल, अश्वेतों के समर्थन में अमेरिका के कई शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। 25 मई को जॉर्ज की मौत मिनेपोलिस शहर में हुई थी। पुलिस अफसर डेरेक चॉविन ने उसके गले पर अपना घुटना करीब 9 मिनट तक रखा था। जॉर्ज सांस नहीं ले पाया और उसने कुछ देर बाद दम तोड़ दिया। 


फिल्डेल्फिया में दिखी बिडेन के कैंपेन की झलक


बिडेन के विज्ञापन में प्रदर्शन की अलग-अलग तस्वीरों को शामिल किया गया है। इसकी शुरुआत प्रदर्शन के दौरान फिल्डेल्फिया में दिए गए बिडेन के भाषण के साथ होती है। इसमें उन्होंने कहा था, ‘‘इस देश का इतिहास हमें सिखाता है कि हमने निराशा के काले दौर के बाद कुछ काफी तरक्की की है। सिविल वॉर के बाद संविधान में 13वें, 14वें और 15वें संशोधन हुए। अश्वेतों पर बर्मिंघम के पब्लिक सेफ्टी कमिश्नर कॉनर के जुल्म सामने आने के बाद सिविल राइट्स एक्ट 1964 और वोटिंग राइट्स एक्ट 1965 बनाए गए।’’


कोरोना की वजह से चुनाव प्रचार पर असर पड़ा था


अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 3 नवंबर को होना है। महामारी के चलते वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और जो बिडेन के कैंपेन पर असर पड़ा है। दोनों ही रैलियां नहीं कर पा रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी को उम्मीद के मुताबिक फंड भी नहीं मिला। ऐसे में अश्वेतों के आंदोलन से बिडेन और उनकी पार्टी को मौका मिल गया। बिडेन ने अश्वेतों को समान हक देने का समर्थन किया। वह प्रदर्शनों में शामिल भी हुए। जब ट्रम्प ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सेना उतारने की धमकी दी तो बिडेन ने इसका विरोध किया। डेमोक्रेटिक पार्टी ने बिडेन के प्रचार के लिए चुनाव खर्च भी बढ़ा दिया है।