लॉकडाउन के बीच राहत / स्पेशल ट्रेनों से 51 दिन बाद घर पहुंचे लोग, कुछ के आंखों से आंसू आ गए तो कईयों ने सरकार को थैंक्यू बोला

लॉकडाउन के बीच राहत / स्पेशल ट्रेनों से 51 दिन बाद घर पहुंचे लोग, कुछ के आंखों से आंसू आ गए तो कईयों ने सरकार को थैंक्यू बोला





स्पेशल ट्रेनों से दिल्ली पहुंचे यात्री स्टेशन से बाहर निकलते हुए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया।






  • 22 मार्च से ही बंद था रेल सफर, मंगलवार को 51 दिनों बाद पटरियों पर दौड़ीं 8 पैसेंजर ट्रेनें, करीब 14 हजार लोगों ने किया सफर

  • आज चलाई जाएंगी 16 ट्रेनें, 28 हजार से ज्यादा लोग करेंगे सफर, मेडिकल जांच के बाद ही ट्रेन में बैठने की अनुमति


नई दिल्ली. देश में 51 दिन बाद पैसेंजर ट्रेनों से निकले मुसाफिर बुधवार को अपने-अपने घर पहुंच गए। लॉकडाउन के चलते ये लोग लंबे समय तक देश के विभिन्न हिस्सों  में फंस गए थे। कोई दिल्ली से कोलकाता काम के लिए गया था तो कोई पटना से दिल्ली। लॉकडाउन के चलते जो जहां था वहीं फंसकर रह गया। अपनों से दूर फंसे ये लोग जब बुधवार को घर पहुंचे तो इनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। कुछ के तो आंखों से आंसू छलक आए तो कईयों ने केंद्र सरकार को थैंक्यू बोला। 


फूड पैकेट लेने ट्रेन में उमड़ी भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
अहमदाबाद-नई दिल्ली स्पेशल ट्रेन में यात्रियों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा दीं। फूड पैकेट और पानी का बोतल खरीदने के लिए एक साथ बड़ी संख्या में लोग पैंट्री कोच में पहुंच गए। हालात बेकाबू होने पर देर रात ट्रेन में लाइन लगाने के लिए अनाउंसमेंट की गई। इसके बाद लोगों ने लंबी लाइनें लगा लीं। ट्रेन में यात्रा कर रहे छात्र निहार कक्कड़ ने बताया कि बहुत सारे लोग अपने साथ खाना-पानी लेकर नहीं आए थे। इसके चलते पैंट्री में ज्यादा भीड़ जुट गई। सीटों के आवंटन में भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा गया। एक केबिन में केवल 2-2 सीटें खाली रखी गई थीं। ट्रेन में सफर करने वाले ज्यादातर लोग दिल्ली के नहीं थे। उन्हें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड जाना है। दिल्ली तक पहुंचने के बाद ऐसे लोग दूसरा साधन देखेंगे।  



घर पहुंचने पर क्या बोले पैसेंजर्स ? 


  • दिल्ली से भुवनेश्वर पहुंची माही अपनी आपबीती साझा करती हैं। कहती हैं, ''मैं आर्टिस्ट हूं। दिल्ली गई थी शूट पर। तभी लॉकडाउन हो गया और हम लोग वहीं फंस सगए। हमने सरकार के फैसलों को माना और संक्रमण से बचने के सारे प्रिकॉशंस अपनाए। आज वापस घर आकर काफी अच्छा लग रहा है।''



  • स्पेशल ट्रेन से मुंबई से दिल्ली पहुंचे एक यात्री कहते हैं '' मैं काफी समय से ट्रेन, फ्लाइट शुरू होने का इंतजार कर रहे थे। मुंबई काम से गया था और वहीं फंस गया। वहां हालात काफी खराब है। हर रोज डर लगा रहता था। अब वापस घर आकर खुशी मिल रही है। इतने दिनों बाद बच्चों से मिल पाऊंगा।''

  • अहमदाबाद से दिल्ली पहुंची वंदना बताती हैं, '' मैं पिछले 55 दिनों से अहमदाबाद में अपने रिश्तेदार के यहां फंसी थी। मुझे खुशी है कि रेलवे ने ट्रेन चलाई। मैं तीन घंटों से टिकट बुक करने की कोशिश करती रही। भाग्यशाली रही कि मुझे आखिरकार टिकट मिल ही गया।'' वंदना आगे कहती हैं कि इन स्पेशल ट्रेनों के चलने से लोगों की जिंदगी वापस सामान्य हो सकेगी। 

  • जयपुर से दिल्ली पहुंचे एक यात्री के आंखों में आंसू आ गए। बताते हैं कि वह अपने परिवार के साथ चेन्नई से जयपुर गए थे। लॉकडाउन के कारण वहीं फंस गए। अब वह दिल्ली पहुंच चुके हैं। यहां से अब वह चेन्नई के लिए ट्रेन पकड़ेंगे। उन्होंने सरकार से इस तरह की और ट्रेनें शुरू करने की मांग की। 


मंगलवार को चली थीं 8 ट्रेनें, आज 16 दौड़ेंगी


मंगलवार को पहले दिन 8 स्पेशल ट्रेनें चलाई गई। सबसे पहले शाम 4 बजे नई दिल्ली से बिलासपुर के लिए ट्रेन रवाना हुई। इसके बाद अलग-अलग टाइम पर हावड़ा से नई दिल्ली, राजेंद्र नगर से नई दिल्ली, नई दिल्ली से डिब्रूगढ़, बेंगलुरु से नई दिल्ली और नई दिल्ली से बेंगलुरु, मुंबई सेंट्रल से नई दिल्ली और अहमदाबाद से नई दिल्ली के लिए ट्रेनें रवाना हुईं। पहले दिन करीब 14 हजार यात्रियों ने सफर किया। जबकि आज 16 ट्रेनें अलग-अलग रूट पर  चलाई जाएंगी। इनमें करीब 28 हजार यात्री सफर करेंगे।



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