दुनिया के मशहूर भोजपुर मंदिर में पसरा सन्नाटा

दुनिया के मशहूर भोजपुर
मंदिर में पसरा सन्नाटा
- लॉकडाउन की वजह से 24 घंटे सुरक्षा गार्डों का पहरा
फोटो - भोजपुर मंदिर
रायसेन। कोरोना महामारी के बाद हुए लॉकडाउन ने इंसान तो इंसान भगवान के दर को भी नहीं बख्शा। कुछ ऐसा ही हाल है राजधानी भोपाल से करीब 32 किलोमीटर दूर स्थित दुनिया का मशहूर भोजपुर मंदिर का। अपने विशालतम शिवलिंग आकार के लिए मशहूर इस मंदिर में लॉकडाउन के बाद से सन्नाटा पसरा है। न तो मंदिर में किसी को आने की इजाजत है और न ही पूजा करने की। आलम यह है कि लॉकडाउन की वजह से पूरे मंदिर में इस वक्त सिर्फ गर्म लू के थपेड़े और चिडयि़ों की चहचहाहट सुनाई दे रही है।

मंदिर के गेट पर ही चिपकी है सूचना
मंदिर के गेट पर ही सूचना चस्पा कर दी गई है कि लॉकडाउन की वजह से किसी को भी अंदर आने की इजाजत नहीं है। मंदिर के दो पुजारी सुबह और शाम सिर्फ पूजा करने के लिए अंदर आते हैं और बाकी के वक्त गेट पर सुरक्षा गार्डों का पहरा 24 घंटे लगा रहता है। जिस परिसर में हर दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था, वहां इन दिनों सन्नाटे की छाया है।

दाने-दाने को मोहताज भोजपुरवासी
भोजपुर मंदिर के आसपास कई लोगों ने अपने छोटे-छोटे व्यवसाय शुरू कर रखे थे। मंदिर में आनेवाले श्रद्धालुओं की वजह से उनकी रोजी-रोटी का जुगाड़ होता था। लेकिन लॉकडाउन के बाद से बीते करीब 40 दिनों से यहां कोई नहीं आया। नतीजा इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। मंदिर के बाहर पूजा के सामान की दुकान चलाने वाली रेखा कहती हैं कि अब घर का खर्चा कैसे चलेगा - हर दिन यही चिंता सताती है हमें।

11वीं सदी में बनवाया गया था मंदिर
भोजपुर मंदिर अपने आप में अनोखा है। इस मंदिर को 11वीं सदी में परमार वंश के राजा भोज ने बनवाया था। इस मंदिर को उत्तर का सोमनाथ भी कहा जाता है। यह भी दावा किया जाता है कि भोजपुर मंदिर में स्थित शिवलिंग दुनिया का सबसेे ऊंचा शिवलिंग है, जो एक ही पत्थर सेे बनाया गया है। आधार सहित सम्पूर्ण शिवलिंग की लंबाई 5।5 मीटर यानी 18 फीट है, जबकि व्यास 2।3 मीटर है। अकेले शिवलिंग की लंबाई 12 फीट है।