धर्म गुरुओं से धार्मिक कार्यक्रमों में भीड को दूर करने के लिए कहा गया था : पीसी शर्मा

पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा ने मप्र भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं विधायक रामेश्वर शर्मा के वक्तव्य को झूठ का पुलिंद बताया है जो उन्होने कहा है कि मुख्यमंत्री रहते हुए  कमलनाथ  ने कोरोना महामारी रोकथाम के लिए कोई कदम नही उठाये और कहा कि भाजपा कमलनाथ जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायेगी तो कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवारज सिंह चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायेगी।


भोपाल- पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा के वक्तव्य जिसमें उन्होने कहा है मुख्यमंत्री रहते हुए कमलनाथ ने कोरोना महामारी रोकथाम के लिए कोई कदम नही उठाये इसे झूठ का पुलिंदा बताया है शर्मा का कहना है कि तात्कालीन मुख्यमंत्री ने 8 मार्चो को मंत्री मंडल की बैठक में कोरोना महामारी से निपटने के सभी बिंदुओं पर चर्चा कर सभी स्कूल, कालेज, सिनेमाघर, मैरिज गार्डन, पब्लिक लाइब्रेरियन, वाटर पार्क, जिम, स्वीमिंग पुल, आंगनबाडी आदि बंद करने का निर्णय ले लिया था। साथ ही सभी सरकारी दफ्तरों में भी ई उपस्थिति पर रोक, सभी शासकीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर रोक, सभी शासकीय ट्रैनिंग पर रोक के निर्दश दिये थे इसके अलावा सभी धर्म गुरुओँ व जन प्रतिनिधियों से इस भयावह बीमारी की जानकारी व सतर्कता से लोगों को अवगत कराने की अपील की थी। धर्म गुरुओं से धार्मिक कार्यक्रमों में भीड को दूर करने के लिए कहा गया था एवं किसी भी स्थान पर 20 से अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर रोक लगा दी गई थी। सभी शासकीय अस्पतालों को सचेत कर आइसोलेशन वार्डस और आवश्यक उपकरण तैयार रहने के आदेश दिये थे। विधानसभा सत्र 16 मार्च 2020 के लिए सभी विधायकों को मास्क लगाने के  निर्देश दिये गए थे यह सभी प्रस्ताव स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती पल्लवी जैन ने रखे थे। उस मंत्री मंडल की बैठक में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट अनुपस्थि थे जिन्हें भाजपा ने किडनेप कर बैंगलूर ले गये थे।


जब 16 मार्च को विधानसभा का सत्र विधानसभा अध्यक्ष ने महामहिम राज्यपाल जी के अधिभाषण के बाद 26 मार्च को स्थगित कर दिया था तो भाजपा के नेता कहने लगे थे कि ये करोना नही डरोना है अगर वह डरोना था तो अब क्या है जब 43 से अधिक रहवासी मप्र में कोरोना के शिकार हो गये जो देश में दूसरने नंबर पर मौत का आकंडा है एवं इंदौर में 10 लाख की आबादी में देश में सबसे ज्यादा मौत व 560 से ज्यादा कोरोना संक्रमित है।


      श्री कमलनाथ जी के इस्तीफे के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री की ताजपोशी 25 मार्च को नवरात्री पक्ष में करने वाली थी पर 23 मार्च को रात को प्रधानमंत्री लाकडाउन का ऐलान करने वाले थे इसलिए ताबडतोड 22 मार्च को जनता कर्फ्यू में कर्फ्यू नियम का उल्लंघन कर भाजपा विधायक दल की बैठक हुई उसी दिन राजभवन में सभी कर्फ्यू नियम, लॉकडाउन नियम, सोशल डिस्टेंसिंग के नियम तोडकर रातों रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शपथ दिलवाई गई 23 मार्च को सुब हम विधायकों को सूचना मिली की विधानसभा का सत्र है आदरणीय शिवराज सिंह चौहान बहुमत सिद्ध करेंगे सूचना देर से मिली इसलिए कांग्रेस के विधायक नही पहुंचे न ही विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, भाजपा ने अपना अध्यक्ष बनाया और बहुमत हासिल करने का ढोंग किया और उसी दिन रात को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लॉक डाउन घोषित कर दिया।


      अत: यह सिद्ध हो रहा है कि आदरणीय कमलनाथ जी की सरकार गिराना और शिवराज जी की सरकार बनाने की वजह से लाक डॉउन के लिए 24 मार्च तक केन्द्र सरकार रुकी रही।


      जबकि मार्च के पहले सप्ताह में पहले केन्द्र सरकार को एक सप्ताह का समय देकर लॉक डॉउन की घोषणा करनी थी जिससे दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद से लाखों लोग अपने घरों पर पहुंच जाते और सभी देशवासी 21 दिन की अपनी व्यवस्था कर लेते।


      अत: मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, श्री वीडी शर्मा और विधायक रामेश्वर शर्मा का यह कथन कि श्री कमलनाथ जी ने मुख्यमंत्री रहते हुए कोरोना की रोकथाम के लिए कुछ नही किया। यह असत्य एवं भ्रामक है जबकि कोरोना के संबंध में मंत्रीमंडल की बैठक में प्रमुख सचिव पल्लवी जैन ने ही विस्तृत जानकारी रखी क्योकि स्वास्थ्य मंत्री को बीजेपी ने किडनेप कर बैंगलूरु ले गये थे।


      विधायक श्री रामेश्वर शर्मा का यह कथन की श्री कमलनाथ जी के खिलाफ एफआईआर होना चाहिए यह निंदनीय है अगर भाजपा श्री कमलनाथ जी पर एफआईआर करेगी तो हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायेंगे व महामहिम राष्ट्रपति से मांग करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों की कमेटी से जांच कराये कि लॉक डाउन में इतनी देरी केंद्र सरकार ने क्यों की जिसकी वजह से लगभग 10 हजार भारतवासी कोरोना पाजीटिव से संक्रमित हुए व 300 से ऊपर भारतवासी कोरोना महामारी से शहीद हुए