उतारता हूँ तस्वीर मैं
कि सनद रहे मैं कैसा था
दिखता हूँ लोगों को जैसा
क्या मैं वैसा था
बदलती तसवीर देखने का
साहस नहीं है मुझमें
ऐसा क्यों है ,क्या कुछ
मिलावट हो गई मुझमें
तस्वीर मेरी या देश की
हर हाल में बदलनी चाहिए
परिवर्तन ,उन्नति है ब्रज
परिभाषा ये चलनी चाहिए
डॉ ब्रजभूषण मिश्र