उतारता हूँ तस्वीर मैं

उतारता हूँ तस्वीर मैं
कि सनद रहे मैं कैसा था
दिखता हूँ लोगों को जैसा
क्या मैं वैसा था


बदलती तसवीर  देखने का
साहस नहीं है मुझमें
ऐसा क्यों है ,क्या कुछ
मिलावट हो गई मुझमें


तस्वीर मेरी या देश की
हर हाल में बदलनी चाहिए
परिवर्तन ,उन्नति है ब्रज
परिभाषा ये चलनी चाहिए


डॉ ब्रजभूषण मिश्र


Popular posts
उत्तराखंड के चारधाम / बद्रीनाथ को रोज चढ़ाई जाती है बद्रीतुलसी, यहां के बामणी गांव के लोग बनाते हैं ये माला
कोरोना इफेक्ट / एमिरेट्स एयरलाइंस ने 600 पायलटों और 6500 केबिन क्रू को निकाला, सितंबर तक कर्मचारियों की सैलरी में 50% कटौती जारी रहेगी
प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ योगेश दुबे मुंबई की राजकुमार सोनी से बातचीत
Image
साध्वी प्रज्ञा और शिवराज के खिलाफ हल्ला-बोल, कमलनाथ सरकार के मंत्री बोले- दिल्ली में करें नौटंकी
सीमा विवाद पर भारत की दो टूक / अफसरों ने कहा- चीन बॉर्डर से अपने 10 हजार सैनिक और हथियार हटाए, ऐसा होने पर ही पूरी तरह शांति कायम होगी