राम मन्दिर निर्माण 5 नवम्बर 2019 से संभव


ज्योतिष भविष्यवाणी


अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण का विवाद पिछले करीब 25 साल से चल रहा हैं। 6 दिसम्बर 1992 में बाबरी मस्जिद कांड के बाद साधु संत/शिवसेना तथा हिन्दु समाज का बड़ा वर्ग राम मन्दिर उसी जगह बनाने की गुहार सरकार से कर रहें है पर यह कार्य सफल नहीं हो पाया हैं। ज्योतिष की नजर से अगर देखा जाए तो यह कार्य शीघ्र ही चालू होने जा रहा हैं। मुंडेन ज्योतिष. में जब दो ग्रह शनि और गुरु की युति होती हैं और राहू-केतू का केन्द्र में होना एक विशेष योग होता हैं तथा इसको बहुत महत्व से देखा जाता हैंशनि और गुरु की युति करीब 20 साल के अंतराल में होती हैं6 दिसम्बर 1992 में गुरु शनि तथा केतू त्रिकोण में थे तथा चन्द्रमा मेष राशी में था भारत वर्ष की कुण्डली और वृषभ लग्न से मंगल का तृतीय भाव में वक्री होना तथा अन्य ग्रहो का योग विशेष रुप से उग्र भावनाओं का प्रगट होना दर्शाता हैंशनि और गुरु की युति 5 नवम्बर 2019 से धनु राशी तथा मुल नक्षत्र में शुरु होगीगुरु इस समय अपनी मूल त्रिकोण राशी में हैं तथा इस समय केतू भी इस युति में हैंअर्थात यह योग मन्दिर निर्माण से जुडे सुप्रीम कोर्ट के निर्णय तथा मन्दिर निर्माण के कार्य को आगे बढ़ाने में सार्थक होगायुति राम मन्दिर निर्माण से जुडे सुप्रीम कोर्ट के निर्णय तथा मन्दिर निर्माण की शुरुआत के लिए बहुत अहम होगा भारत वर्ष के राशी चार्ट में यह आठवें घर में हैंऔर इस भाव का स्वामी भाग्येश के साथ होना उन तमाम संतो तथा श्रद्वालु वर्ग से कठिन तप और संकल्प से प्राप्त हुए नतीजे. का कारण बनेगा।


सुभाष सक्सेना, ज्योतिषाचार्य एवं भविष्यवक्ता, भोपाल