यूपी / संत शोभन सरकार का निधन, हजारों लोगों की मौजूदगी में गंगा में प्रवाहित की गई पार्थिव देह; उन्नाव के किले में 1000 टन सोने का दावा किया था

यूपी / संत शोभन सरकार का निधन, हजारों लोगों की मौजूदगी में गंगा में प्रवाहित की गई पार्थिव देह; उन्नाव के किले में 1000 टन सोने का दावा किया था





संत शोभन सरकार की पार्थिव देह काे बिठूर में गंगा नदी में प्रवाहित करने ले जाते श्रद्धालु।






  • शोभन सरकार 2013 में उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उनके एक सपने के आधार पर उन्नाव में खुदाई शुरू हुई थी

  •  अंतिम दर्शन के लिए करीब 20 हजार लोग जमा, सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं किया गया पालन


कानपुर. परमहंस स्वामी विरक्तानंद उर्फ शोभन सरकार का बुधवार को निधन हो गया। कानपुर के बिठूर में स्थित बंदी माता घाट पर बुधवार दोपहर संत शोभन सरकार के पार्थिव शरीर को गंगा में प्रवाहित किया गया। इस दौरान वहां पर बाबा के हजारों भक्त मौजूद रहे, जिन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। पुलिस ने लोगों को रोकने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए बाबा शोभन सरकार की अंतिम यात्रा में शामिल हुए।


इससे पहले कानपुर देहात के शिवली कोतवाली क्षेत्र के बैरी में बने उनके आश्रम में अंतिम दर्शन के लिए करीब 20 हजार भक्त जमा हो गए। कई गांवों के लोग लॉकडाउन के बावजूद सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गए थे। यहां पुलिस ने भी किसी को रोकने की कोशिश नहीं की। शिवली पहुंचने वालों में बच्चे, बूढे, युवा और महिलाएं सभी शामिल थे। इस दौरान न तो कोरोनावायरस का खौफ दिखा और न ही लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते नजर आए।


शोभन सरकार के सपने के बाद एएसआई ने कराई थी खुदाई


शोभन सरकार 2013 में उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उनके एक सपने के आधार पर उन्नाव के डौंडिया खेड़ा में आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) की टीम खजाने की खोज में जुट गई थी। इस बीच उप्र के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने शोभन सरकार के निधन पर दुख व्यक्त किया है।


शोभन सरकार ने दावा किया था कि उन्हें सपने में राजा राम बख्श सिंह के किले में शिव चबूतरे के पास 1000 टन सोने के दबे होने का पता चला है। इसके बाद ही साधु शोभन सरकार ने सरकार से सोना निकलवाने की बात कही थी। स्थिति तब हास्यास्पद हो गई जब सरकार ने उनके सपने को सच मानते हुए खजाने को खोजने के लिए खुदाई भी शुरू करवा दी। हालांकि कई दिनों तक चली खुदाई के बाद भी खजाना नहीं मिला।


खजाने के कई दावेदार भी आए थे सामने


खजाने के कई दावेदार भी सामने आ गए थ। राजा के वंशज ने भी उन्नाव में डेरा जमा दिया था। वहीं, ग्रामीणों ने भी उस पर दावा किया था। इसके बाद तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि खजाने पर सिर्फ देशवासियों का हक़ होगा। प्रदेश की तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने कहा था कि खजाने से निकली संपत्ति पर राज्‍य सरकार का हक होगा। कई ग्रामीणों ने भी सोने पर मालिकाना हक जताया था। जब कई दिनों तक खुदाई के बाद भी वहां सोना नहीं निकला तो सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी। 
कई वीवीआईपी थे शोभन सरकार के भक्त
कानपुर देहात के शिवली के शोभन मंदिर में बड़े उद्योगपति , आईएएस, आईपीएस और राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का आना जाना था । शोभन सरकार के दर्शन करने के बाद ही किसी मांगलिक और अच्छे कार्य की शुरूआत करते थे । आसपास के ग्रामीण उन्हें बहुत मानते थे। उनके ब्रह्मलीन होने की खबर से ग्रामीण अपने आंसू नहीं रोक पा रहे है ।
11 साल उम्र में हो गया था वैराग्य


शोभन सरकार का पूरा नाम है परमहंस स्वामी विरक्तानंद उर्फ शोभन सरकार। इनका जन्म कानपुर देहात के शुक्लन पुरवा में हुआ था। पिता का नाम पंडित कैलाशनाथ तिवारी था। कहते हैं कि शोभन सरकार को 11 साल की उम्र में वैराग्य प्राप्त हो गया था। कपड़े के नाम पर वह सिर पर साफा बांधते थे। गेरुए रंग की लंगोट पहनते थे और सिर पर चादर बांधते थे और बदन पर अंगवस्त्र होता था।