संस्कार / बच्चों को अच्छे काम के लिए प्रेरित करना चाहिए, तभी वे बड़े होकर अच्छे इंसान बनते हैं
- संत अपने शिष्य के साथ गांव में मांग रहे थे भिक्षा, तभी एक छोटी बच्ची ने कहा कि हमारे पास आपको देने के लिए कुछ नहीं है, संत ने उससे कहा कि दान में अपने आंगन की मिट्टी ही दे दो
बच्चों को हमेशा अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। तभी वे बड़े होकर अच्छे इंसान बनते हैं। संस्कारों से संबंधित एक लोक कथा प्रचलित है। इस कथा के अनुसार पुराने समय में एक संत अपने शिष्य के साथ एक गांव में भिक्षा मांग रहे थे। इस दौरान वे एक घर के बाहर पहुंचे। उन्होंने भिक्षा के लिए आवाज लगाई तो अंदर से एक छोटी बच्ची बाहर आई। बच्ची ने संत से कहा कि हमारे पास आपको देने को कुछ नहीं है।
संत ने कहा कि बेटी, मना मत कर, कुछ नहीं है तो अपने आंगन की थोड़ी सी मिट्टी ही दान में दे दो। छोटी बच्ची ने तुरंत ही आंगन से एक मुट्ठी मिट्टी उठाई और भिक्षा पात्र में डाल दी। संत ने बच्ची को आशीर्वाद दिया और आगे बढ़ गए। कुछ दूर चलने के बाद शिष्य ने संत से पूछा कि गुरुजी आपने भिक्षा में मिट्टी क्यों ली? ये तो हमारे किसी काम की नहीं है।
संत ने शिष्य को समझाया कि आज वह कन्या छोटी है और अगर वह अभी से मना करना सीख जाएगी तो बड़ी होकर भी किसी को दान नहीं देगी। आज उसने दान में थोड़ी सी मिट्टी दी है, इससे उसके मन में दान देने की भावना जागेगी। भविष्य में जब वह बड़ी होकर सामर्थ्यवान बनेगी तो फल-फूल और धन भी दान में देगी।
इस कथा का संदेश यही है कि बच्चों अच्छे काम करना सिखाना चाहिए, उन्हें अच्छे संस्कार देना चाहिए। बचपन से उन्हें अच्छे कामों के लिए प्रेरित करेंगे तो वे बड़े होकर अच्छे इंसान बनेंगे और बुराइयों से बचे रहेंगे।