प्रियंका का सीएम योगी को सुझाव / होम लोन पर इंटरेस्ट रेट को शून्य किया जाए, किसानों की पूरी फसलों को खरीदा जाए
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कोरोना के इस संकट काल में सुझाव दिया है
उन्होंने कहा- ईएमआई जमा करने की बाध्यता अगले 6 महीनों के लिए स्थगित हो, किसानों के बिजली बिल माफ हो
लखनऊ. कोरोना संकटकाल में मध्यम वर्ग, किसान, संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को राहत देने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। चूंकि ये पत्र योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट के निधन के बाद पहली बार आया, इसलिए प्रियंका ने शोक संवेदना भी प्रकट की है। प्रियंका ने कोरोना महामारी से समाज के हर वर्ग को उबारने के लिए योगी को कुछ सुझाव दिए हैं।
मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए सीएम योगी को सुझाए उपाय
प्रियंका गांधी ने कहा, शिक्षा और होम लोन का खर्च मध्यम वर्ग की आर्थिक बुनावट का एक बड़ा हिस्सा होता है। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों की फीस माफी की घोषणा उनके लिए एक बड़ी राहत होगी। नौकरियों में छंटनी हो रही है या तनख्वाह में कटौती कर दी गई है। ईएमआई को चुकाना चुनौती बन गया है। सरकार को मध्य वर्ग की मदद के लिए आगे आना चाहिए। सुझाव है कि लोन पर लगने वाली ब्याज दर को शून्य कर दिया जाए और ईएमआई जमा करने की बाध्यता को अगले छह माह के लिए स्थगित कर दिया जाए।
प्रियंका ने हर वर्ग का राहत देने के लिए सुझाव दिए:
- बोनस से बढ़ेगी काम करने की लगन : शिक्षा मित्र, आशा बहनें, आंगनबाड़ी कर्मी, रोजगार सेवक/पंचायत मित्र व अन्य संविदा कर्मी जो कोरोना संकट में हर स्तर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और प्रशासन के साथ सरकार के निर्देशों का पालन करवाने में जी-जान से लगे हैं। इनकी सेवाओं को देखते हुए यह उचित समय है कि इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रोत्साहन राशि दी जाए और एक महीने की सैलरी बोनस के रूप में दी जाए।
- छोटे, मंझोले उद्योग उप्र की रीढ़ : उत्तर प्रदेश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा छोटे उद्योगों, दस्तकारी, बुनकरी और कुटीर उद्योगों से जुड़ा हुआ है। लॉकडाउन में उनका पूरा कारोबार ध्वस्त हो गया है। छोटे और मंझोले उद्योग उप्र की आर्थिक रीढ़ हैं। लाखों परिवारों की रोजी-रोटी इनसे जुड़ी हुई है। आज ये भयंकर दबाव में हैं। मांग और आपूर्ति पूरी तरह से ठप है। इन उद्योगों के मालिक और मजदूर पूरी तरह से टूटने के कगार पर आ चुके हैं। गुजारिश की है कि छोटे मझोले उद्योगों का बैंक लोन माफ किया जाए। इनके बिजली के बकाया बिलों पर भी राहत देने की घोषणा की जाए।
- बुनकरों पर बैंका का भारी कर्ज : प्रदेश में एक बड़ी आबादी बुनकरी से जुड़ी हुई है। इस महामारी में उनका पूरा कारोबार चौपट हो गया है। हैंडलूम और इनके कारखाने बंद पड़े हैं। न उत्पादन हो रहा है और न कोई बिक्री। इनके ऊपर बैंकों का भारी कर्ज है। बिजली का बिल भुगतान करने की स्थिति नहीं है। बुनकरों के बिजली के बिल माफ किया जाए। इनके परिवार को प्रतिमाह 12 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति राशि दिया जाए।
- पोल्ट्री कारोबारियों को राहत : प्रदेश में ज्यादातर पोल्ट्री फार्म कर्ज लेकर लोगों ने खोले थे। उन पर दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ पूरा बिजनेस चौपट हो गया, दूसरी तरफ बैंकों का कर्ज का बोझ। प्रत्येक पोल्ट्री कारोबारियों को प्रति मुर्गी 100 रुपए का आर्थिक सहयोग किया जाए।
- किसानों के बिजली बिल माफ हो : किसानों के चार महीनों के ट्यूबवेल व घर के बिजली बिल माफ कर दिया जाए। किसानों के लोन पर भी चार माह का ब्याज माफ हो। किसान क्रेडिट कार्ड व अन्य लोन पर कटी हुई आरसी पर तुरंत रोक लगानी चाहिए। उस पर भी पेनाल्टी व ब्याज माफ किया जाए। प्रियंका ने योगी सरकार को यह भी सुझाया है कि, किसानों की संपूर्ण फसल खरीदने की गारंटी हो और गन्ना सहित सारे भुगतान तत्काल किए जाए।
प्रदेश के आर्थिक जीवन के ये मजबूत स्तंभ
प्रियंका ने खत में आखिरी में लिखा कि यह सिर्फ उनके व्यापार व परिवार की भलाई की बात नहीं नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये प्रदेश के आर्थिक जीवन के मजबूत स्तंभ हैं। ये कमजोर हुए, ये गिरे तो नुकसान प्रदेश का होगा। इन्हें संभालने के लिए हमें और आपको आगे आना ही होगा।