प्रदेश के जरूरतमंद वकीलों की सहायता राशि 50 करोड़ करने की मांग

प्रदेश के जरूरतमंद वकीलों की सहायता राशि 50 करोड़ करने की मांग
 जबलपुर। मध्यप्रदेश के जरूरतमंद अधिवक्ताओं को सहायता राशि के रूप में महज 2 करोड़ रुपये के प्रावधान का चौतरफा विरोध तेज हो गया है। यह राशि कम से कम 30 और अधिकतम 50 करोड़ किये जाने पर बल दिया जा रहा है। राज्य के सभी हाईकोर्ट बार और जिला बार की ओर से राज्य शासन और स्टेट बार के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए बीसीआई से हस्तक्षेप की मांग की जा रही है। विरोध करने वाले अधिवक्ताओं का तर्क है कि बार के 10 हजार सदस्यों के बीच से सिर्फ 60 को राहत बतौर 5 हजार देने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। कायदे से सभी जरूरतमंद अधिवक्ताओं को 10-10 हजार मिलने चाहिये। लॉक डाउन ने जो आर्थिक चोट पहुंचाई है, उसकी वजह से वकील खासे परेशान हैं। जिला बार, जबलपुर के पूर्व सचिव मनीष मिश्रा का आरोप है कि जो 2 करोड़ वर्तमान में स्वीकृत हुये हैं, वे आधे स्टेट बार और आधे राज्य शासन के नहीं हैं। समग्र 2 करोड़ स्टेट बार न्यास के ही हैं। महाधिवक्ता व विधि मंत्री उसके पदाधिकारी हैं, अत: भ्रम पैदा किया गया। आलम यह है कि यह राशि भी अधिसूचना और विधानसभा पटल पर रखे जाने की जटिलता की वजह से न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी की विडम्बना का शिकार हो जायेगा। ऐसी आशंका प्रबल है।