न्यूयॉर्क टाइम्स से / कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर भी ठीक हो सकते हैं; सांस में परेशानी, सीने में दर्द, होंठ या चेहरा नीला होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें 

न्यूयॉर्क टाइम्स से / कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज घर पर भी ठीक हो सकते हैं; सांस में परेशानी, सीने में दर्द, होंठ या चेहरा नीला होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें 



 




  • बीमारी के दौरान हर गतिविधी को मॉनिटर करें; लक्षण बिगड़ने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें

  • शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी जरूरी, इसलिए खुद को वक्त दें और आराम करें

  • लो ऑक्सीजन वाले मरीजों को सांस की तकलीफ के बजाए चक्कर आने जैसी परेशानियां होती हैं


मैगी एस्टर. कोविड-19 से संक्रमित होने के बारे में मालूम चलना डराने वाली बात होती है। लेकिन जैसे-जैसे लोग इससे उबर रहे हैं, विजेताओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही दूसरे लोगों को इनसे मार्गदर्शन भी मिलने लगा है। मैं और मेरे पति मार्च के आखिर में कोरोनावायरस की चपेट में आ गए थे। हममें बहुत मामूली लक्षण दिख रहे थे, लेकिन हम पहली बार इतने बीमार पड़े थे। हम ठीक से सांस नहीं ले पा रहे थे, हमें पता था कि हम अस्पताल नहीं जा सकते। लेकिन हम क्या कर सकते थे।


डॉक्टर्स नें हमें आराम करने, तरल पदार्थ लेने और बुखार कम करने के उपाय करने की सलाह दी। यह जरूरी था, लेकिन बीमारी की स्थिति को देखते हुए ठीक नहीं लगा। इस दौरान हमने इंटरनेट के जरिए अपने दोस्तों और साथ काम करने वालों की मदद ली, ताकि वायरस से लड़ने में ताकत मिले।


डॉक्टर्स की सहायता कब लें?



  • पहले यह पक्का कर लें कि आपकी बीमारी घर पर ठीक हो सकती है। लेकिन अगर आप सांस लेने में परेशानी, सीने में लगातार दबाव-दर्द, कंफ्यूजन, जागने में और जागे रहने में परेशानी, होंठों या चेहरे का नीला होने जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। 

  • कुछ लोगों में शुरुआत में बहुत मामूली लक्षण होते हैं, लेकिन बाद में यह गंभीर होते जाते हैं। इन मरीजों में पहले लक्षण दिखने के बाद 4 से 8 दिन तक जल्दी-जल्दी सांस लेने में परेशानी होती। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में एसोसिएट प्रोफेसर और कैंब्रिज हेल्थ अलायंस में इंटरनिस्ट डॉक्टर पीटर कोहेन बताते हैं कि यही वक्त होता है, जब लोग बीमारी पर ध्यान देना शुरू करते हैं।

  • डॉक्टर कोहेन के मुताबिक अगर जल्दी-जल्दी सांस लेने की परेशानी दिन ब दिन बिगड़ती जाए तो डॉक्टर से बात करें। लो ऑक्सीजन लेवल वाले मरीजों को सांस की तकलीफ के बजाए चक्कर आने जैसी परेशानियां भी होती हैं। 


घर पर आपको किन चीजों की जरूरत होगी?



  • होम क्वारैंटाइन हैं तो थर्मामीटर, एसीटामिनोफेन या इबुप्रोफेन और पीडियालाइट खरीद लें। पल्स ऑक्सीमीटर भी मददगार हो सकता है। अगर आप बीमार हैं और आपके पास सामान नहीं है तो दोस्त या डिलीवरी सर्विस से सामान मंगवा लें।

  • घर पर रहने के दौरान किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। इस बात का भी ध्यान रखें, जब तक आपका दोस्त या डिलीवरी वाला कोई सामान देने आता है, तो जब तक वे चले नहीं जाते, तब तक सामान उठाने के लिए दरवाजा न खोलें।


प्रिसक्रिप्शन मदद कर सकती हैं



  • हो सकता है कि ओवर द काउंटर दवाएं पर्याप्त न हों। खासतौर पर कोविड-19 के कारण होने वाली खांसी या उल्टी का मन काफी गंभीर हो सकता है और आपको दवा के पर्चे की जरूरत पड़ सकती है। अगर आपको दवाई की जरूरत लग रही है तो डॉक्टर से इस बारे में बात करें। स्थिति बिगड़ने का इंतजार न करें। 


सांस को शांत करें



  • सूखी हवा खांसी और सीने में दबाव को बढ़ा सकती है। अगर आपके पास ह्युमिडीफायर है तो उसका उपयोग करें नहीं तो गर्म शॉवर लें। कई पाठकों ने बताया कि पेट के बल लेटने पर उन्हें अच्छा महसूस हुआ। 


लक्षणों का ध्यान रखें



  • जब आप बीमार होने लगें तो एक लॉग तैयार कर लें। जब भी आप अपना तापमान जांचे या गोली खाएं तो लिख जरूर लें। जब भी खाना खाएं या पानी पिएं तो लिखें। अगर एक लक्षण ठीक हो रहा है और दूसरा बढ़ रहा है तो उसे लिखें। रिकॉर्ड बनाना आपको अपनी चिंता सबसे पहले करने में मदद करता है। 


मानसिक स्वास्थ्य मायने रखता है



  • कोविड-19 होना बेहद तनावभरा होता है। इसमें पैनिक अटैक आना, अवसाद या घबराहट महसूस करना असामान्य नहीं है। डॉक्टर से अपने मानसिक स्वास्थ्य में बात करने में संकोच न करें। यह भी आपके शारीरिक स्वास्थ्य की तरह ही जरूरी है।

  • द टाइम्स में न्यूज असिस्टेंट डेरेक नॉर्मन बताते हैं कि बीमारी के सबसे बुरे वक्त में जब वे सांस लेने में परेशानी महसूस करते थे, तो सीधे बैठकर सांस पर फोकस करते थे। इस दौरान वे किसी याद को ताजा भी करते थे। आंख बंद कर किसी याद को ताजा करते वक्त मैं उसमें पूरी तरह खो जाता हूं। 

  • स्मार्टर लिविंग के एडिटर टिम हरैरा ताजी हवा पर जोर देते हैं। बीमार होना भी ठीक है। आपको हर दिन ऐसी स्थिति से गुजारना ही है, इसलिए नेटफ्लिक्स देखें, जिगसॉ पजल सुलझाएं। या जो भी आप दिन गुजारने के लिए करना चाहें, वो काम करें।


लीनियर रकवरी की उम्मीद न करें



  • कुछ लोगों को शुरुआत में तो बहुत मामूली लक्षण होते हैं, लेकिन बाद में यह बिगड़ते जाते हैं। कुछ का बुखार बार-बार घटता-बढ़ता है। कुछ लोग सीधे दो हफ्तों तक बीमार और कुछ दिन बिना लक्षणों के रहते हैं।

  • ऐसे हालात बेहद सामान्य और दर्दनाक हैं। जितना हो सके आप खुद को वक्त दें। आपके आर्थिक हालात अगर अनुमति देते हैं तो आराम करें।