न्यूयॉर्क टाइम्स से / भारत में लॉकडाउन के दौरान मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से जूझ रहे 75% कर्मचारी, कंधे-कमर और कलाई की एक्सरसाइज से शरीर को दें आराम

न्यूयॉर्क टाइम्स से / भारत में लॉकडाउन के दौरान मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से जूझ रहे 75% कर्मचारी, कंधे-कमर और कलाई की एक्सरसाइज से शरीर को दें आराम



 




  • काम के दौरान हर 40 मिनट बाद शरीर को छोटा सा ब्रेक दें और चेयर पर बैठने के दौरान भी बॉडी मूवमेंट करते रहें

  • काम से जुड़ी मांसपेशियों और जोड़ों की चोट धीरे-धीरे बढ़ती है, कई बार इसमें सालों लग जाते हैं, इसलिए सर्तक रहें


एसी शिल्टन. ऑफिस में काम करने वालों पर हुई दो अलग-अलग स्टडीज बताती हैं कि, भारत में 75% और ग्रीस में 60% लोग ने काम के दौरान मस्कुलोस्केलेटल दर्द का सामना कर रहे हैं। स्टडी में शामिल किए गए कर्मियों के पास ऑफिस डेस्क और फुल साइज कंप्यूटर थे। इसलिए ये कर्मचारी लैपटॉप पर काम करने वालों की तुलना में थोड़ा अच्छी पोजिशन में थे। नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन सेंट्रल डूपेज हॉस्पिटल में थैरेपिस्ट जॉय बेगेंज बताती हैं कि लॉकडाउन में गर्दन और कमर दर्द के मरीजों की गिनती बढ़ी है और कई मरीजों ने बताया कि वे सोफा पर काम कर रहे हैं।


बेगेंज के मुताबिक, बिस्तर या काउच पर बैठकर काम करने की सबसे बड़ी परेशानी है कि, यह बेहद आरामदायक है। कनाडा की यूनिवर्स डे मॉन्कटन में मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर नैंसी ब्लैक के अनुसार, जब भी आप लंबे समय तक किसी एक पोजिशन में रहते हैं तो दिक्कत होती है। उन्होंने चेताया कि, जब आप बैठते हैं या खड़े होते हैं तो ग्रैविटी कमर की डिस्क को दबाती है। समय के साथ इन्हीं दबी हुई डिस्क के कारण बैक पेन और नसों से संबंधित परेशानियां होने लगती हैं। 


20-30 सेकंड की मूवमेंट हालात सामान्य कर देती है
डॉक्टर ब्लैक कहती हैं कि जब ग्रैविटी आपके स्पाइन के खराब करती है तो डिस्क से तरल बाहर निकलता है। वहीं केवल 20 से 30 सेकंड तक आसपास चलने से तरल डिस्क में वापस जम जाता है। यह सब कुछ पहले की तरह सामान्य कर देता है। डॉक्टर ब्लैक हर 40 मिनट में चलने-फिरने के छोटे ब्रेक लेने की सलाह देती हैं। 


सालों में नजर आता है असर
एक बात जो ध्यान रखने के लिए जरूरी है कि काम के कारण हो रहीं मस्कुलोस्केलेटल चोटें धीमें बढ़ती हैं। ऐसे में अगर आप लगातार ब्रेक लेकर मूवमेंट करते रहें तो इससे फायदा होगा। आपको आज से 10 साल बाद यह जानकर अच्छा लगेगा कि आपने शरीर के लिए हर दिन थोड़ा वक्त निकाला। अपने बैक पॉश्चर को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। पीठ सीधी कर और कंधे झुकाकर काम करना अच्छा है। 


घर पर काम के दौरान दिन में तीन बार ये तीन तरह की स्ट्रैच करने से आपकोंकलाई, गर्दन, हाथों और पीठ में दर्द से निजात मिलेगी।



  • हाथ को अपने सामने निकालें और हथेली को जमीन की तरफ रखें।

  • दूसरे हाथ से धीमे से उंगलियों को पीछे खींचें। इससे आपको कलाई के पास स्ट्रेच महसूस होगा।

  • कुछ सेकंड के लिए रोकें और छोड़ दें।

  • इसके बाद, हाथ को सीधा रखें और दूसरे हाथ की मदद से उंगलियों और हथेली को शरीर की तरफ नीचे करें। कुछ सेकंड रोकें। 


कंधे उचकाना



  • अपने कंधों को उठाकर कान की तरफ लाएं और 3 से 5 सेकंड के लिए रोकें।

  • छोड़ें और इसे 3 से 5 बार दोहराएं।


सीने और पीठ की स्ट्रेच



  • सर के पीछे हाथों को जोड़ें और कंधों की ब्लेड्स को एक साथ दबाएं।

  • इस दबाव को 5 से 6 सेकंड के लिए रोकें।

  • सांस लें और एक बार फिर दोहराएं।