मुंबई / रेप पीड़ित नाबालिग को 24 हफ्ते के गर्भ का अबॉर्शन कराने के लिए हाईकोर्ट ने दी मंजूरी, दसवीं की छात्रा है पीड़िता
- नियम के मुताबिक, 20 सप्ताह से अधिक के भ्रूण का गर्भपात अदालत की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता
- कोर्ट ने कहा- यदि भ्रूण जीवित बच जाता है और पीड़िता या उसके परिजन उसे लेने से इंकार कर दे तो सरकार बच्चे की जिम्मेदारी उठाए
मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को 24 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की इजाजत दे दी है। नियमानुसार 20 सप्ताह से अधिक के भ्रूण का गर्भपात अदालत की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता है। लिहाजा पीड़िता ने पिता के माध्यम से हाईकोर्ट में गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी। इससे पहले मामले की पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पीड़िता की जांच के लिए मेडिकल बोर्ड के गठन का निर्देश दिया था।
16 साल है पीड़िता की उम्र
याचिका के मुताबिक, पीड़िता की उम्र 16 साल है। वह दसवीं में पढ़ाई कर रही है। ऐसे में यदि उसे गर्भपात की इजाजत नहीं दी जाती है तो उसे मानसिक और शारीरिक पीड़ा का सामना करना पड़ेगा। इस स्थिति में यदि वह गर्भधारण जारी रखती है तो इसका उसके स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ेगा।
'भ्रूण के रक्त का नमूना लिया जाए'
बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस सी गुप्ते ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट और इस तरह के मामले में कोर्ट के पुराने फैसलों को देखते हुए पीड़िता को गर्भपात कराने की इजाजत दी। कोर्ट ने यह भी कहा कि गर्भपात के बाद भ्रूण के रक्त का नमूना लिया जाए, ताकि उसकी डीएनए जांच कराई जा सके। इसके अलावा यदि भ्रूण जीवित बच जाता है और पीड़िता या उसके परिजन उसे लेने से इंकार कर देते है तो सरकार बच्चे की जिम्मेदारी उठाए।