मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच लॉकडाउन में नरोत्तम मिश्रा से प्रदीप जायसवाल व एंदल सिंह कंसाना मिले

मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच लॉकडाउन में नरोत्तम मिश्रा से प्रदीप जायसवाल व एंदल सिंह कंसाना मिले



भोपाल। शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलने सोमवार को कमलनाथ सरकार में खनिज मंत्री रहे प्रदीप जायसवाल और पूर्व विधायक एंदल सिंह कंसाना पहुंचे। बंद कमरे में करीब आधे घंटे तक उनके बीच बातचीत हुई। कांग्रेस ने कमेंट किया कि मंत्री बनने की इतनी बेचैनी है कि लॉकडाउन में भी इनसे रुका नहीं गया।
शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की खबरों के बीच नेताओं का मेल-मुलाकात का दौर बढ़ गया है। भाजपा सरकार को समर्थन देने वाले कांग्रेस के बागी पूर्व मंत्री प्रदीप जायसवाल और पूर्व विधायक एंदल सिंह कंसाना अब मंत्री पद की उम्मीद में मुलाकात कर रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 22 विधायकों ने कांग्रेस से बागी होकर भाजपा को समर्थन दिया था। ऐसे में कौन से चेहरे को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी इन्हीं कयासों के बीच पूर्व मंत्री प्रदीप जायसवाल ने नरोत्तम मिश्रा से लंबी चर्चा की। हालांकि एंदल सिंह कंसाना, ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के नहीं थे फिर भी वरिष्ठ विधायक होने के बाद कांग्रेस में उपेक्षा से नाराज थे। इसी नाराजगी के बीच कमलनाथ सरकार गिराने में ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के साथ रहे। दिग्विजय समर्थक कहे जाने वाले एंदल सिंह कंसाना ने मंत्रिमंडल विस्तार से पहले से नरोत्तम मिश्रा से बंद कमरे में 45मिनट तक चर्चा की।

प्रदीप जयसवाल ने बार-बार लिया यू-टर्न
पूर्व खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल निर्दलीय विधायक हैं। सरकार गिराने की अटकलों के बीच पूर्व खनिज मंत्री प्रदीप जयसवाल ने यू-टर्न लेते हुए बयान दिया था कि जिस किसी की भी सरकार बने,क्षेत्र के विकास के लिए उसी सरकार के साथ रहेंगे। मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के बीच सत्ता परिवर्तन हुआ और भाजपा की सरकार बनते ही प्रदीप जयसवाल ने पाला बदलते हुए सीएम शिवराज को अपना समर्थन दे दिया। कांग्रेस विधायक एंदल सिंह कंसाना ने भी पाला बदलते हुए भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दिया। ऐसे में अब दोनों ही नेता पार्टी में अपने कद और अपनी जगह को लेकर लगातार मुलाकातें कर रहे हैं।

कोरोना की चिंता नहीं मंत्री पद का लालच
पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता पीसी शर्मा तंज कसा कि सीधी बात है- मंत्री पद को लेकर ही मुलाकात हुई है। इसीलिए इन सबने भाजपा को समर्थन दिया था। वही वादा याद दिलाने ये नेता लॉकडाउन में भी घर से निकल रहे हैं। भाजपा के बड़े नेताओं ने 22 लोगों को वादा किया था तभी तो कमलनाथ सरकार गिरी थी। भाजपा आलाकमान के नेताओं ने वादा किया था। सभी नेताओ को मंत्री पद की लालसा है तभी तो मिल रहे हैं किसी नेता को कोरोना से कोई मतलब नहीं है। लॉकडाउन में ही सोशल डिस्टेंस तोड़कर शपथ ली थी। अब कम से कम सोशल डिस्टेंस ना तोड़ें। लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार करें।

सिंधिया के दो समर्थक बने मंत्री
ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के समर्थक विधायकों को शिवराज के पहले मंत्रिमंडल में जगह मिली है। इनमें सुरखी विधायक गोविंद सिंह राजपूत और सांवेर विधायक तुलसीराम सिलावट को शिवराज सरकार में मंत्री बनाया गया है। अब सिंधिया खेमे के पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी और दूसरे विधायक अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मंत्रिमंडल में जगह मिलने के लिए बेचैन हैं।