महाराष्ट्र / उद्धव ठाकरे समेत सभी 9 उम्मीदवार विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित, चुनाव आयोग जल्द कर सकता है ऐलान

महाराष्ट्र / उद्धव ठाकरे समेत सभी 9 उम्मीदवार विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित, चुनाव आयोग जल्द कर सकता है ऐलान





सीएम ठाकरे ने सोमवार शाम को विधानभवन जाकर अपना नामांकन भरा था। इस दौरान उनका पूरा परिवार उनके साथ था।







  • महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में भाजपा के 4, राकांपा और शिवसेना के 2-2, और कांग्रेस का एक प्रत्याशी निर्वाचित



  • राज्य में विधान परिषद की 9 सीटें रिक्त थी और 9 ही प्रत्याशी थे, ऐसे में सभी उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए


मुंबई.




महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत सभी 9 उम्मीदवार विधान परिषद सदस्य के तौर पर निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। चुनाव आयोग जल्द ही इस बारे में आधिकारिक ऐलान कर सकता है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने चुनाव आयोग के अधिकारी के हवाले से बताया कि उद्धव समेत सभी प्रत्याशियों को चुन लिया गया है। दरअसल, महाराष्ट्र में विधान परिषद की 9 सीटें खाली हुईं थी। इसमें नाम वापसी के बाद गुरुवार को मैदान में 9 प्रत्याशी ही थे। ऐसे में बिना चुनाव हुए ही सभी निर्वाचित हो गए। इससे पहले आयोग ने 21 मई को चुनाव की तारीख तय की थी।


विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचन में कांग्रेस की अहम भूमिका रही है। क्योंकि, कांग्रेस ने पहले दो प्रत्याशी उतारने की बात कही थी। हालांकि, बाद में कांग्रेस ने एक ही प्रत्याशी मैदान में उतारा। ऐसे में चुनाव की जरूरत नहीं पड़ी। विधान परिषद की 9 सीटों के लिए कांग्रेस ने 1, भाजपा ने 4, राकांपा ने 2, शिवसेना ने 2 प्रत्याशी उतारे थे।




शिवसेना की तरफ से सीएम उद्धव ठाकरे भी विधान परिषद चुनाव मैदान में थे। वह भी चुने गए हैं। इससे पहले बुधवार को 4 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया था। वहीं, एक निर्दलीय उम्मीदवार शहबाज राठौर का नामांकन रद्द हो गया था। इसके बाद मैदान में सिर्फ 9 उम्मीदवार ही बचे थे। 


इन 9 लोगों का हुआ निर्वाचन


भाजपा: रमेश कराड, गोपीचंद पडलकर, प्रवीण दटके और रणजीत सिंह मोहिते पाटिल।


राकांपा : शशिकांत शिंदे और अमोल मिटकरी।


शिवसेना : मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और नीलम गोर्हे। 


कांग्रेस : राजेश राठौर।


खत्म हुई चुनाव की जरूरत
उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस वजह से उन्हें विधानसभा या विधान परिषद दोनों में से किसी एक सदन का सदस्य चुना जाना जरूरी हो था। क्योंकि 6 महीने की समय सीमा खत्म होने वाली थी। बता दें कि चुनाव के मैदान से अपना नाम वापस लेने की समय सीमा 14 मई तक ही थी। यही वजह है कि आज अतिरिक्त उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस ले लिए जिस वजह से चुनाव की जरूरत भी खत्म हो गई।


यह सीटें खाली हुई:



























भाजपा



03



राकांपा



03



कांग्रेस 



02



शिवसेना 



01



कुल 



09