कोरोनावायरस / इजराइल के बाद इटली ने वैक्सीन बनाने का दावा किया, कहा- इंसान की कोशिकाओं पर सकारात्मक असर दिखा

कोरोनावायरस / इजराइल के बाद इटली ने वैक्सीन बनाने का दावा किया, कहा- इंसान की कोशिकाओं पर सकारात्मक असर दिखा





इटली में कोरोनावायरस की वैक्सीन को फार्मास्यूटिकल कंपनी टैकिज बॉयोटेक ने विकसित किया है। -प्रतीकात्मक फोटोइटली में कोरोनावायरस की वैक्सीन को फार्मास्यूटिकल कंपनी टैकिज बॉयोटेक ने विकसित किया है। -प्रतीकात्मक फोटो






  • वैज्ञानिकों ने कहा- गर्मियों के बाद इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल किया जाएगा 

  • टैकिज बॉयोटेक की ओर से विकसित वैक्सीन का चूहों पर असर दिखा है


रोम. इजराइल के बाद इटली ने घोषणा की है कि उसने कोरोनावायरस के इलाज की वैक्सीन को विकसित किया है। दावा है कि यह वैक्सीन इंसानों पर काम करती है। इटली ने इसे दुनिया की पहली वैक्सीन होने का दावा किया है। अरब न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रोम के संक्रामक रोगों के हॉस्पिटल ‘स्पैलैंजानी’ में इसका परीक्षण किया गया। इस वैक्सीन से चूहों में एंटीबॉडी विकसित किए गए हैं। विकसित एंटीबॉडी वायरस को कोशिकाओं पर हमला करने से रोकती है। हालांकि, लैब में इंसानी कोशिकाओं पर किए गए इस वैक्सीन का सकारात्मक असर देखने को मिला है।



इसके बाद दावा किया गया कि यह इंसान की कोशिकाओं पर भी काम करती है। इस वैक्सीन को टैकिज बॉयोटेक ने विकसित किया है। टैकिज के सीईओ लुईगी ऑरिसिचियो ने इटैलियन न्यूज एजेंसी एएनएसए को बताया, ‘‘इटली में बनाई गई वैक्सीन की टेस्टिंग सबसे एडवांस स्टेज में है। इस साल गर्मी के बाद इसका ह्यूमन टेस्ट किया जाएगा।’’


अमेरिका और ब्रिटेन के बाद सबसे ज्यादा मौतें इटली में हुईं
इटली में अब तक 29 हजार 315 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां 2 लाख 13 हजार 13 संक्रमित हैं। अमेरिका और ब्रिटेन के बाद सबसे ज्यादा मौतें इटली में ही हुई हैं। देश में 10 मार्च से लागू लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाया गया था। इसके बाद कुछ दुकानों को खोलने की छूट दी गई है। इटली में 21 फरवरी को पहला मामला सामने आया था।



इजराइल का भी एंटीबॉडी विकसित करने का दावा
इससे पहले इजराइल के रक्षा मंत्री नैफ्टली बेनेट ने भी कोरोनावायरस का वैक्सीन तैयार करने का दावा किया है। उनके मुताबिक, इजरायल इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च (आईआईबीआर) ने वैक्सीन तैयार करने में कामयाबी हासिल की है। यह महामारी से लड़ाई में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह एंटीबॉडी मोनोक्लोनल तरीके से वायरस पर हमला करती है और इसे शरीर के अंदर ही मारने में सक्षम है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वैक्सीन का ट्रायल इंसानों पर हुआ है या नहीं।