कोरोना पर विपक्ष / राहुल गांधी दिल्ली में प्रवासी मजदूरों से मिले, कहा- आर्थिक तूफान अभी आया नहीं है, आने वाला है; जबर्दस्त नुकसान होगा

कोरोना पर विपक्ष / राहुल गांधी दिल्ली में प्रवासी मजदूरों से मिले, कहा- आर्थिक तूफान अभी आया नहीं है, आने वाला है; जबर्दस्त नुकसान होगा





लॉकडाउन के कारण यहां से प्रवासी मजदूर घरों को लौट रहे हैं। शनिवार को राहुल गांधी ने उनसे मुलाकात की।






  • राहुल गांधी ने कहा- राहत पैकेज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा विचार करना चाहिए 

  • उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को भी बिना सोचे-समझे खोलना नहीं चाहिए क्योंकि इससे ज्यादा नुकसान होगा


नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को दिल्ली में सुखदेव विहार के पास प्रवासी मजदूरों से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने वीडियो लिंक के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने सरकार के 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज, कोरोना के दौरान मजदूरों की समस्या और देश के आर्थिक हालात पर बातचीत की।


उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक तूफान अभी आया नहीं है, आने वाला है। बहुत जबर्दस्त नुकसान होने वाला है। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी सुने। हम यानी विपक्ष थोड़ा दबाव डाले और अच्छी तरह से समझाए तो सरकार सुन भी लेगी। लॉकडाउन पर केंद्र सरकार को समझदारी से कदम उठाना चाहिए। अभी लॉकडाउन खोलने की बात हो रही है, बिना सोचे-समझे ऐसा किया तो नुकसान होगा। खोलना है तो लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए फैसला करना चाहिए।


केंद्र सरकार राहत पैकेज पर फिर से विचार करे 


राहुल गांधी ने राहत पैकेज कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश करूंगा कि वे इस पैकेज के बारे में दोबारा सोचें। उन्हें डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर पर सोचना चाहिए। मनरेगा के तहत 200 दिन का रोजगार दिया जाए। किसानों को पैसा सीधे ट्रांसफर किया जाए। उन्होंने कहा कि हमने सुना है कि रेटिंग्स की वजह से सरकार पैसा नहीं दे रही। कहा जा रहा है कि अगर वित्तीय घाटा बढ़ता है तो विदेशी एजेंसियां भारत की रेटिंग्स कम कर देंगी। 


राहुल ने मांग और आपूर्ति का मुद्दा उठाया, कहा- लोगों के पास पैसा नहीं खरीदेंगे कैसे  



  • राहुल ने कहा, 'कोरोना संकट में मांग और आपूर्ति दोनों बंद हैं। सरकार को दोनों को रफ्तार देनी है। अब सरकार ने जो कर्ज पैकेज की बात कही है, उससे मांग शुरू नहीं होने वाली है। क्योंकि, बिना पैसे के लोग खरीदारी कैसे करेंगे।'

  • 'मांग को शुरू करने के लिए पैसा देने की जरूरत है। "न्याय" जैसी योजना इसमें मददगार साबित हो सकती है। मांग शुरू न होने पर बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होने की संभावना है, जो कोरोना से भी बड़ा हो सकता है।'


राहुल ने मजदूरों पर कहा- जो सड़कों पर उनकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है 
राहुल गांधी ने कहा कि किसी पर दोष मढ़ने का यह वक्त नहीं है। आज देश के सामने बड़ी समस्या है जिसका हमें हल निकालना है। मजदूरों की बात बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। जो लोग सड़कों पर हैं उनकी मदद करना और उनकी सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। उनके जेब में सीधे पैसा भेजना होगा। इससे ज्यादा मुश्किल वक्त उनके जीवन में नहीं आएगा। हमें उन्हें यह एहसास कराना होगा कि हम उनके साथ हैं और उनका सम्मान कम नहीं होने देंगे।


'राज्यों का काम है कोविड से लड़ना, केंद्र सिर्फ मैनेजमेंट देखे'


राहुल ने कहा, जितनी मदद सरकार राज्यों को देगी, उतना ही फायदा होगा। केंद्र का काम मैनेटमेंट संभलना है। राज्यों का काम कोविड की लड़ाई लड़ने का है। राज्यों को पूरा समर्थन देना चाहिए। यह शिकायत आ रही है कि जिस तरह से केंद्र को राज्यों को पैसा देना चाहिए, वह नहीं हो रहा है। 



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