कोरोना पर सरकार / जावड़ेकर ने कहा- जब तक वैक्सीन नहीं मिलता, तब तक वायरस के साथ जीना पड़ेगा; सबसे बुरा दौर गुजर चुका

कोरोना पर सरकार / जावड़ेकर ने कहा- जब तक वैक्सीन नहीं मिलता, तब तक वायरस के साथ जीना पड़ेगा; सबसे बुरा दौर गुजर चुका




  • केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर का कहना है कि लॉकडाउन से कोरोना का संक्रमण बढ़ने से रोकने में कामयाबी मिली।केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर का कहना है कि लॉकडाउन से कोरोना का संक्रमण बढ़ने से रोकने में कामयाबी मिली।





  • केंद्रीय मंत्री का कहना है कि कोरोना पर हमारा मैनेजमेंट दूसरे देशों से अच्छा

  • ‘विपक्ष दिशाहीन है, पहले जिन बातों से सहमत थे अब उनका विरोध कर रहे’




 



नई दिल्ली. सरकार ने शनिवार को कोरोनावायरस से पैदा हुए हालात की जानकारी दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सबसे बुरा दौर गुजर चुका है, लेकिन जब तक बीमारी पर पूरी तरह काबू नहीं पा लेते, तब तक हमें सतर्क रहते हुए गाइडलाइन माननी चाहिए। ये संक्रमण चीन से आया, लेकिन अभी इसका कोई वैक्सीन नहीं मिला। वैक्सीन मिलने तक हमें वायरस के साथ ही जीना होगा। मास्क लगाना, बार-बार हाथ धोना, दो गज की दूरी रखना, ये 'न्यू नॉर्मल' हैं। समाज ने पिछले 40 दिन में ये बहुत अच्छे से सीख लिया है।



4 मई से आधे देश में कामकाज शुरू हो जाएगा: जावड़ेकर
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण रोकने में कामयाबी मिली। लॉकडाउन के तीसरे चरण में 4 मई से आधे देश में पूरी तरह कामकाज शुरू हो जाएगा। कोरोना पर हमारा प्रबंधन दूसरे देशों से काफी अच्छा है। सभी जोन अच्छी तरह बांट दिए गए हैं।



'विपक्ष के पास कोई अच्छा सुझाव नहीं'
विपक्ष के आरोपों पर जावड़ेकर ने कहा कि वे दिशाहीन हैं। उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। वे न तो एक भी अच्छी बात नहीं कह रहे हैं न ही अच्छे सुझाव दे रहे। वे पहले जिन बातों से सहमत थे, अब उन्हीं को लेकर सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। पश्चिम बंगाल सरकार के आरोपों पर जावड़ेकर ने कहा कि वहां कुछ लोगों ने भारत और बंगाल के बीच युद्ध करना चुना है। हमें युद्ध में और बहस में कोई रुचि नहीं है। हमारा मकसद परेशानी दूर करना है। हम हर राज्य की मदद करना चाहते हैं।


'निवेश, मैन्युफैक्चरिंग में भारत के पास बड़ा मौका'
जावड़ेकर के मुताबिक, भारत के पास इस वक्त बड़ा मौका है। हमें इसे भुनाने की कोशिश करनी होगी। हम सभी बड़ी कंपनियों का स्वागत करते हैं। पिछले छह साल में देश में मोबाइल फैक्ट्रियों की संख्या दो से बढ़कर 150 पहुंच चुकी है। हम पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स और वेंटीलेटर भी बना रहे हैं।


'आरोग्य सेतु ऐप में प्राइवेसी से जुड़ी चिंता नहीं'
जावडेकर का कहना है कि इस ऐप से गलत सूचनाएं कंट्रोल होती हैं। यह ऐप आपके आस-पास कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी देता है। यह अगले 1-2 साल तक रहेगा। जावडेकर ने ये भी कहा कि इस ऐप में प्राइवेसी से जुड़ी चिंता नहीं होनी चाहिए। एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ऐप से जरिए सरकार पर निजी सूचनाएं जुटाने का आरोप लगाया था।