किसानों के साथ हो रही खुली लूट, गेहूं खरीद केंद्रों में कहीं कम-ज्यादा तौल तो कहीं ले रहे कमीशन

किसानों के साथ हो रही खुली लूट, गेहूं खरीद केंद्रों में कहीं कम-ज्यादा तौल तो कहीं ले रहे कमीशन
जबलपुर. शासन प्रशासन चाहे लाख दावे करे किसानों को उचित मूल्य प्रदान करने के, चाहे आदेश पारित करे. लेकिन भ्रष्टाचार  करने वाले किसानों को लूटने का जरिया बना ही लेते हैं. जहां चाह वहां राह की तर्ज पर किसानों की जेब काटने की दृ? इच्छाशक्ति रखने वाले लुटेरों ने इस बार भी किसानों के साथ लूट जारी रखी है. मामला गेहूं खरीदी से जु?ा हुआ है जिसमें किसानों को सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन  का पालन करते हुए अपनी फसल बेचने के निर्देश दिए गए. बात करें, जबलपुर यानि संस्कारधानी की तो यहां भी 15 अप्रैल से गेहूं की खरीदी की जा रही है. प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार जबलपुर कलेक्टर ने 187 गेहूं खरीदी केंद्र बनाए हैं जहां प्रतिदिन एसएमएस मिलने के बाद किसान अपनी फसल लेकर पहुंच रहे हैं. प्रशासन को किसानों की फसल खरीदने और उन्हें भुगतान समय पर करने की जिम्मेदारी का एहसास तो है लेकिन उनकी नाक के नीचे किसानों से होने वाली लूट की अनदेखी की जा रही है.

किसान से नहीं ले सकते तुलाई-परिवहन का पैसा
किसान के मोबाइल नंबर पर आने वाले एसएमएस के बाद वह किसी तरह अपनी फसल को गेहूं खरीदी केंद्रों तक लेकर पहुंचता है जहां केंद्र प्रभारी उससे प्रति क्विंटल के हिसाब से तौल करने के लिए 30 रुपए और भरवाई के लिए 2 रुपए प्रति कट्टी (50किलो) का कमीशन ले रहा है. जबकि शासन स्तर पर हर खरीदी केंद्रों को यह राशि प्रदान की जाती है. नियम के अनुसार किसी भी किसान से कोई भी केंद्र प्रभारी तुलाई, भरवाई और परिवहन के लिए पैसे नहीं ले सकता यह सारा खर्च खरीदी केंद्र को ही वहन करना प?ता है जिसका भुगतान बाद में प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता है. बावजूद इसके किसानों से हर खरीदी केंद्र में वसूली की जा रही है. उदाहरण के तौर पर चरगवां खरीदी केंद्र में किसान ने खुद इस भ्रष्टाचार की कहानी बयां की.

केंद्र प्रभारी बन रहे अनजान
इस संबंध में जब केंद्र प्रभारियों से पूछा गया तो उन्होंने किसान की बातों पर भरोसा न करने की सलाह दे दी, चरगवां गेहूं खरीदी केंद्र प्रभारी पूरन सिंह ने किसान के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया उनका कहना है कि किसी भी किसान से कोई अवैध वसूली नहीं की जा रही है वहीं बिजौरी गेहूं खरीदी केंद्र प्रभारी कीरत सिंह ने भी इन आरोपों का खंडन किया है.

पनागर में तहसीलदार ने मारा छापा
किसानों के साथ ठगी का यह सिलसिला सिर्फ पैसों के लेनदेन तक ही सीमित नहीं है बल्कि बोरियों में भरे जाने वाले अनाज की तौल में भी केंद्र प्रभारियों द्वारा भ्रष्टाचार का खेल खेला जाता है. शासन स्तर पर 50 किलो की तौल करने का नियम बनाया गया है लेकिन कई गेहूं खरीदी केंद्रों में तौल करने में ही ग?ब?ी कर दी जाती है. जिसका उदाहरण पनागर के सिंगौंद खरीदी केंद्र में सामने आया. यहां 40 किलो और 51 किलो की तौल की जा रही थी. इसकी सूचना जब तहसीलदार को मिली तो वे खुद वहां पहुंच गईं और उन्होंने फिर से पूरे अनाज की बोरियों की तौल करवाई जिसमें 2081 बोरियों में भरे गए अनाज की तौल अलग-अलग पाई गई.

ऐसे खेल करते हैं खरीदी केंद्र प्रभारी
40 किलो की तौल करने पर किसान को उसी हिसाब से भुगतान किया जाता है और अधिक तौल करने पर किसान को 50 किलो के हिसाब से पैसा मिलता है. यानि एक से डे? किलो अधिक अनाज का पैसा खरीदी केंद्र प्रभारी को मिलता है और जब पूरी खरीदी का जो? किया जाता है तो अनाज की खरीदी की मात्रा पूरी मिलती है. सिंगौद खरीदी केंद्र में तहसीलदार ने किसान और केंद्र प्रभारी से शपथ पत्र और शिकायत लेकर जांच पूरी की और प्रशासन को रिपोर्ट सौंप दी है. हालांकि यह सिर्फ दो खरीदी केंद्रों का ही मामला नहीं है बल्कि हर गेहूं खरीदी केंद्र में किसान को लूटने के ऐसे ही कई हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.

कलेक्टर ने दिए सख्त कार्यवाही के निर्देश
गेहूं खरीदी केंद्रों में चल रहे इस भ्रष्टाचार के खेल को लेकर कलेक्टर भरत यादव ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि पनागर में मिली शिकायत पर कार्रवाई की गई है और यदि दूसरे खरीदी केंद्रों की भी शिकायत मिलती है तो आगे भी कार्यवाही जारी रहेगी.

केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री ने पेंटिंग की ट्वीट
सोमिन जैन द्वारा बनाई गई इस पेंटिंग को केंद्रीय पर्यटन एवं राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल ने ट्वीट भी किया है. सोमिन ने इसके पहले भी कई और पेंटिंग्स बनाई हैं जो उनकी कला को बयां करती हैं. बहरहाल सोमिन ने लोगों से अपील की है कि वे भी अपने घरों में रहें और अपनी कला को निखारें या फिर कुछ नया करने की कोशिश करें.