कश्मीर में आतंकी साजिश नाकाम / पुलवामा जैसे बड़े हमले की फिराक में थे आतंकी, कार में 50 किलो एक्सप्लोसिव बरामद; सीआरपीएफ के 400 जवान थे निशाने पर
- सुरक्षाबलों ने बताया कि देर रात कार के बारे में एक इनपुट मिला था
- घेराबंदी के बाद कार को बरामद कार लिया गया, इसकी पीछे की सीट पर एक्सप्लोसिव रखा था
- पुलवामा में फरवरी 2019 में सीआरपीएफ के काफिले पर आईईडी से हुए हमले में 40 जवान शहीद हुए थे
श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने गुरुवार को पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया। यहां के राजपुरा रोड पर शादीपुरा के पास एक सफेद रंग की सेंट्रो कार मिली, जिसमें आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किया। कार के अंदर ड्रम में एक्सप्लोसिव रखा था। कार का पता चलने के बाद सुरक्षा बलों ने आसपास का इलाका खाली करा लिया। इसके बाद बम डिस्पोजल स्क्वाड ने कार को उड़ा दिया। पुलवामा पुलिस के बाद सीआरपीएफ और आर्मी ने भी इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया।
वरिष्ठ पुलिस अफसरों को शक है कि जैश के निशाने पर सीआरपीएफ के 400 जवान थे। गुरुवार को सीआरपीएफ की 20 गाड़ियों का काफिला श्रीनगर से जम्मू पहुंचा। पता चला है कि काफिला सुबह 7 बजे बक्शी स्टेडियम कैंप से जम्मू के लिए निकलना था। इस काफिले में सभी रैंक के अफसर और जवान शामिल थे।
पुलिस ने कहा- 50 किग्रा एक्सप्लोसिव होने का अनुमान
जम्मू-कश्मीर आईजी विजय कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, 'आतंकी सिक्युरिटी फोर्सेस या पुलिस की टीम को टारगेट करने की योजना बना रहे थे। कार में 40 से 50 किग्रा एक्सप्लोसिव होने का अनुमान है। हमने विशेषज्ञों को जांच के लिए बुलाया है।' पहले अनुमान लगाया गया था कि कार में 20 से 25 किलो विस्फोटक था।
दो-तीन दिन से इनपुट्स मिल रहे थे
विजय कुमार ने बताया कि पुलवामा पुलिस को पिछले एक हफ्ते से खबर मिल रही थी कि जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी मिलकर आत्मघाती हमला करने वाले हैं। उनके पास एक सेंट्रो कार है, जिसका वह इस्तेमाल कर सकते हैं। कल सुबह से ही हमें खबर मिलनी शुरू हो गई थी। दिन में ही खबर और पुख्ता हुई। कल शाम पुलवामा पुलिस ने सीआरपीएफ, आर्मी और एसओजी पार्टी के जरिए घेराबंदी की। जिस गाड़ी में एक्सप्लोसिव होने की खबर थी वह जब नाका पार्टी के पास आई तो आर्मी ने वॉर्निंग फायर किया। इसके बाद ड्राइवर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया। सुरक्षाबलों ने वाहन को कब्जे में ले लिया। उन्होंने बताया कि इस हमले को हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी आदिल और एक जैश का आतंकी अंजाम देने वाला था। कार को आदिल चला रहा था।
पीछे की सीट पर ड्रम रखे थे
सुरक्षाबलों ने कार के पास जाकर देखा तो पिछली सीट पर विस्फोटक से भरे नीले रंग के ड्रम रखे थे। सुरक्षाबलों ने रात भर कार की निगरानी की। इसके बाद आसपास के घरों को खाली करा दिया गया। बाद में वाहन को धमाका कर उड़ा दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। कार पर स्कूटर की नंबर प्लेट लगी थी, जिसका रजिस्ट्रेशन कठुआ जिले का मिला है।
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के अवन्तीपुरा इलाके में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था। गोरीपुरा गांव के पास हुए इस हमले में 44 जवान शहीद हो गए थे।
- आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक से लदी गाड़ी सीआरपीएफ जवानों को ले जा रही बस से टकरा दी थी। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। पुलवामा हमला कश्मीर में 30 साल का सबसे बड़ा आतंकी हमला था। आतंकियों ने हमले के लिए 350 किलो आईईडी का इस्तेमाल किया था।