जम्मू में विरोध / पूरा वेतन न मिलने से नाराज यूपी-बिहार के मजदूर सड़क पर उतर आए, तोड़फोड़ कर रहे थे, एसएसपी ने भोजपुरी में समझाया तो लौट गएजम्मू के कठुआ जिला की घटना, मिल में काम करने वाले मजदूर सड़कों पर उतरे थे

जम्मू में विरोध / पूरा वेतन न मिलने से नाराज यूपी-बिहार के मजदूर सड़क पर उतर आए, तोड़फोड़ कर रहे थे, एसएसपी ने भोजपुरी में समझाया तो लौट गएजम्मू के कठुआ जिला की घटना, मिल में काम करने वाले मजदूर सड़कों पर उतरे थे




  • एसएसपी ने डंडा नहीं चलाया, बल्कि प्यार से भोजपुरी में समझाया तो मजदूरों का गुस्सा ठंडा हो गया

  • जम्मू के कठुआ जिला की घटना, मिल में काम करने वाले मजदूर सड़कों पर उतरे थे


 

कठुआ. जम्मू के कठुआ जिले में शुक्रवार को कपड़ा मिल मजदूर सड़क पर उतर आए। पूरा वेतन नहीं मिलने का विरोध कर रहे इन मजदूरों ने देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू कर दी। भीड़ सड़कों पर दौड़ने लगी। नारेबाजी होने लगी। हाईवे जाम कर दिया। मजदूरों ने कई जगह तोड़फोड़ भी शुरू कर दी। इस दौरान मौके से गुजर रहीं कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचा। 


सूचना मिलते ही एसएसी शैलेंद्र मिश्रा मौके पर पहुंचे। उन्होंने न डंडा चलाया, न किसी तरह की सख्ती की, बल्कि जीप के बोनट पर खड़े हो गए और भोजपुरी में मजदूरों को समझाया। विरोध करने वाले मजदूरी यूपी-बिहार के थे।


नतीजा यह हुआ कि मजदूर उनकी बात ध्यान से सुनने लगे। कुछ ही मिनटों में तोड़फोड़ रुक गई। मजदूरों ने न सिर्फ एसएसपी की बात सुनी, बल्कि तालियां बजाकर उनके प्रति अपना समर्थन भी जताया। एसएसपी ने मजदूरों में से ही कुछ लोगों को भी बोलने का मौका दिया और पूरे मामले को बिना किसी सख्ती के शांत कर दिया।


उन्होंने भोजपुरी में कहा कि,'पहिला नुकसान बा कंट्रोल के दूसरा नुकसान बा पुलिसवाला के और आपका पेमेंट वाला जौन मुद्दा बा उकरा बदे हम परसाशन से बात कईले बानी उमेश गुप्ता जी से हमार सीधे बात भईले बा। उमेश गुप्ता जी हम बात करतानी उकरा बदे हम परमान मंगनी हैं स्टाफ के कितना सैलरी दिहले हईं सल्यूशन खातर हम यहां आईल हईं'। 


एसएसपी ने कहा कि हमने फैक्ट्री संचालक से खुद बात की है और पूरे प्रमाण मांगे हैं। जिन मजदूरों ने विरोध किया वे चेनाब कपड़ा मिल में काम करते हैं।


मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि लॉ एंड ऑर्डर में जख्म तो पुलिसवालों को भी लगता है। कुछ मजदूरों को भी चोट आई है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमें थोड़ी देर से जानकारी मिली। लोगों को काम नहीं मिल रहा। घर में बैठे हैं। कहीं न कहीं यह गुस्सा फूटना था, इसलिए आज यहां फूट गया।