घर वापसी / मध्य प्रदेश आने वाले प्रवासी श्रमिकों को गांव तक छोड़ने के लिए सीमाओं पर 375 बसें लगाईं, भोजन-दवा और ठहरने की भी व्यवस्था की गई

घर वापसी / मध्य प्रदेश आने वाले प्रवासी श्रमिकों को गांव तक छोड़ने के लिए सीमाओं पर 375 बसें लगाईं, भोजन-दवा और ठहरने की भी व्यवस्था की गई





तस्वीर अशोकनगर की है। धार में 4 महीने पहले काम करने गए मजदूर ललितपुर साइकिल से जा रहे हैं। रास्ते में साइकिल पर उसके दोनों मासूम बच्चे सो गए।






  • मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों से पैदल आ रहे मजदूरों को सीमावर्ती जिलों तक छाेड़ने और जरूरी सुविधाएं देने के निर्देश दिए

  • महाराष्ट्र सीमा पर सेंधवा और देवास मार्ग के लिए सबसे ज्यादा 100 बसें लगाईं , गुना-दिनारा में 80 बसें 


भोपाल. मध्य प्रदेश सरकार ने दूसरे प्रदेशों से पैदल चलकर आ रहे श्रमिकों के लिए सीमावर्ती जिलों में जरूरी प्रबंध किए हैं। उनके ठहरने, भोजन, पेयजल, प्राथमिक उपचार और दवाओं के प्रबंध किए गए हैं। मजदूरों को बसों के जरिए उनके जिलों तक छोड़ने और अन्य राज्यों के मजदूरों को मध्य प्रदेश की सीमा तक छुड़वाने के लिए 375 अतिरिक्त बसें लगाई गई हैं। इसके लिए सीमावर्ती जिलों में ट्रांजिट पॉइंट बनाए गए हैं, जहां से स्थानीय प्रशासन के सहयोग से मजदूरों को सकुशल उनके गृह नगर/गांवों तक पहुंचाया जाएगा। 


मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों से पैदल आ रहे प्रवासी मजदूरों को सभी सुविधाएं देने के निर्देश दिए थे। सीमावर्ती क्षेत्रों में आ रहे श्रमिकों की बड़ी संख्या को देखते हुए आवश्यक बंदोबस्त सीमावर्ती ट्रांजिट पॉइंट पर किए गए हैं। बसों के लिए 70 प्रतिशत अग्रिम भुगतान भी किया गया है, जिससे मजदूरों को परिवहन व्यवस्था में कठिनाई का सामना न करना पड़े।


ट्रांजिट पॉइंट पर बसों की व्यवस्था  


मध्यप्रदेश के ऐसे सीमावर्ती जिलों में बसों की व्यवस्था की गई है। जहां बड़ी संख्या में श्रमिक आ रहे हैं। इनमें महाराष्ट्र सीमा सेंधवा-देवास मार्ग के लिये 100 बस, देवास-गुना के लिए 50, देवास-सागर के लिए 40, गुना-भिण्ड (उत्तरप्रदेश सीमा) के लिये 20, गुना-दीनारा (झांसी-उत्तरप्रदेश सीमा) के लिए 80 बस, मुरैना-ग्वालियर-दतिया-झांसी के लिए 25, देवास-दौलतपुर (सीहोर) के लिए 10, दौलतपुर (सीहोर)-सागर-मालथौन के लिए 25, दौलतपुर(सीहोर)-सागर-छतरपुर (महोबा उत्तरप्रदेश सीमा) के लिए 25 बसें अलर्ट मोड पर हैं।


ट्रांजिट पॉइंट पर ये सुविधाएं 


जिला कलेक्टर्स को बताया गया कि मध्यप्रदेश के महाराष्ट्र सीमा पर सेंधवा (बीजासन)-देवास, देवास-गुना, गुना-शिवपुरी होते हुए झांसी उत्तरप्रदेश सीमा तक और गुना-शिवपुरी-ग्वालियर-भिंड होते हुए उत्तरप्रदेश सीमा तक श्रमिकों को छोड़ने के लिए देवास और गुना में ट्रांजिट पाॅइंट बनाया जा सकता है। देवास से छतरपुर मार्ग पर दौलतपुर (सीहोर) ट्रांजिट पाॅइंट बनाया जा सकता है। दौलतपुर (सीहोर) से ही मालथौन और दौलतपुर-सागर-छतरपुर होते हुए महोबा-उत्तरप्रदेश सीमा तक श्रमिकों को ले जाएं। इन पाॅइंट पर आराम करने के लिए छाया, भोजन, चाय-पानी और फस्ट-ऐड एवं आवश्यक दवाइयां भी रखी जाएं। इन ट्रांजिट पाॅइंट पर कुछ वाहन भी रखे जाएं, जिससे श्रमिकों की अदला-बदली होकर उन्हें आगे प्रदेश की सीमा पर पहुंचाने की व्यवस्था हो सके।


श्योपुर में अन्य राज्यों से आए 6 हजार से अधिक मजदूर
श्योपुर में अब तक अन्य राज्यों से 6 हजार 93 मजदूर आ चुके हैं, जिन्हें उनके गृह जिलों तक पहुंचाया गया है। इनमें श्योपुर के 2 हजार 490 और अन्य जिलों के 3603 शामिल हैं। जिनको जिला प्रशासन द्वारा श्योपुर के साथ प्रदेश के विभिन्न जिलों में आवश्यक सुविधाओं समेत बस के माध्यम से भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा चुकी है।


गुजरात से भोपाल और महाराष्ट्र से इटारसी आए मजदूर 


इधर, ट्रेनों से दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से लाने का क्रम जारी है। सरकार के अनुसार, अब तक दूसरे प्रदेश से 2 लाख से ज्यादा मजदूरों को मध्य प्रदेश लाया जा चुका है। मंगलवार को गुजरात से भोपाल 1400 और महाराष्ट्र से 498 श्रमिक इटारसी पहुंचे हैं, जिनकी स्क्रीनिंग जारी है।