दुखद / सीने में दर्द के बाद सड़क पर तीन घंटे तड़पता रहा बुजुर्ग, फिर दम तोड़ा; हॉटस्पॉट एरिया होने की वजह से बैरिकैड्स लगे थे, नहीं पहुंच सकी एम्बुलेंस
- सामाजिक कार्यकर्ता का आरोप- ऑटोवाले भी उन्हें अपने साथ ले जाने को तैयार नहीं हुए
- हॉस्पिटल, डॉक्टर्स और पुलिस पर बेरुखी का आरोप
पुणे. मंगेश फल्ले. पुणे में शुक्रवार शाम एक बुजुर्ग के सीने में दर्द उठा। वो तीन घंटे सड़क पर तड़पते रहे। जिस इलाके में वो मौजूद थे, वो हॉटस्पॉट था। बैरिकैडिंग की वजह से एम्बुलेंस नहीं पहुंच सकी। आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया।
लोगों का लगा संक्रमित हैं बुजुर्ग
घटना शहर के नाना पेठ इलाके की है। इसकी जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर धवले ने सोशल मीडिया पर दी। सुधीर के मुताबिक, नाना पेठ कोरोना हॉटस्पॉट एरिया है। इसलिए एम्बुलेंस वाले भी यहां आने से डर रह थे। ऑटो रिक्शावाला भी इस 57 साल के बुजुर्ग को हॉस्पिटल ले जाने तैयार नहीं हुए। बाद में एक टैम्पो वाला तैयार हुआ। लेकिन, तब तक सब खत्म हो चुका था।बुजुर्ग की मौत हो चुकी थी।
हॉस्पिटल पहुंचने से पहले मौत
सुधीर के मुताबिक, मृतक का नाम यशोदास मोती फ्रांसिस है। रात तीन बजे किसी तरह उनकी पत्नी, बेटा और बहन ने एक टैम्पो वाले को मनाया। वो यशोदास को लेकर ससून हॉस्पिटल पहुंचे। डॉक्टरों के मुताबिक, फ्रांसिस की मौत हॉस्पिटल लाए जाने से पहले ही हो चुकी थी। घटना का वीडियो भी सामने आया। इसमें फ्रांसिस कुर्सी पर बैठे नजर आते हैं। परिवार का आरोप है कि उन्होंने कई बार हॉस्पिट और एम्बुलेंस सेवा को फोन किए। लेकिन, कई उनकी मदद को आगे नहीं आया।