अवसान / नेशनल टेबल-टेनिस चैम्पियन मनमीत सिंह का निधन, 18 की उम्र में वर्ल्ड नंबर-13 खिलाड़ी बने थे
- मनमीत 2 साल से एएलएस बीमारी से पीड़ित थे, इसमें मांशपेशियां कमजोर होने लगती हैं
- 1989 में नेशनल चैम्पियन बने मनमीत सिंह ने कनाडा के मोनट्रीयल में अंतिम सांस ली
- आईटीटीएफ के बोर्ड मेंबर धनराज चौधरी ने कहा- अच्छा खिलाड़ी और बेहतरीन इंसान खो दिया
टेबल-टेनिस चैम्पियन मनमीत सिंह वालिया का 58 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने कनाडा के मोनट्रीयल में सोमवार को अंतिम सांस ली। मनमीत 2 साल से एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) बीमारी से पीड़ित थे। इस बीमारी से मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं।
मनमीत टेबल टेनिस से संन्यास लेने के बाद कनाडा में ही बस गए थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। मनमीत ने अपना इलाज कोयंबटूर में भी करवाया था।
1989 में नेशनल चैम्पियन बने थे मनमीत
मनमीत ने 80 के दशक में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। 1989 में वे नेशनल चैम्पियन बने। मनमीत ने तब हैदराबाद के एस श्रीराम को फाइनल में हराया था। 18 साल की उम्र में मनमीत वर्ल्ड रैकिंग में 13वें नंबर पर पहुंच गए थे।
1980 में पहली बार एशियाई चैम्पियनशिप में खेले
उन्होंने 1980 में 8 बार के राष्ट्रीय चैम्पियन कमलेश मेहता के साथ एशियाई चैम्पियनशिप में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेला। इस टीम में उनके अलावा बी अरुण कुमार, मंजीत सिंह दुआ और वी चंद्रशेखर शामिल थे। टीम पांचवें स्थान पर रही थी।
‘टेबल-टेनिस परिवार के लिए दुखद क्षण’
टेबल-टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया (टीटीएफआई) के महासचिव एमपी सिंह ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि टेबल टेनिस परिवार के लिए दुखद क्षण है। टीटीएफआई के पूर्व महासचिव और इंटरनेशनल टेबल-टेनिस फेडरेशन (आईटीटीएफ) के बोर्ड मेंबर धनराज चौधरी ने कहा है कि टेबल-टेनिस ने एक अच्छा खिलाड़ी और बेहतरीन इंसान खो दिया।