20 लाख करोड़ का पैकेज / 4 एल यानी लेबर, लॉ, लैंड और लिक्विडिटी पर फोकस; वित्त मंत्री कल कर सकती हैं एमएसएमई के लिए बड़ी घोषणाएं

20 लाख करोड़ का पैकेज / 4 एल यानी लेबर, लॉ, लैंड और लिक्विडिटी पर फोकस; वित्त मंत्री कल कर सकती हैं एमएसएमई के लिए बड़ी घोषणाएं





लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ के फोकस से मेक इन इंडिया को मजबूती मिलेगी






  • प्रधानमंत्री ने मंगलवार को दिए राष्ट्र के नाम संदेश में 20 लाख करोड़ के विशेष पैकेज का ऐलान किया

  • विशेष पैकेज के तहत किन सेक्टर्स को कितना बजट दिया जाएगा, इसका ऐलान वित्त मंत्री अगले कुछ दिनों में करेंगी


मुंबई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के नाम दिए अपने संदेश में कहा कि कोरोना का संकट अभूतपूर्व है और यह संकट भारत के लिए संकेत, संदेश और अवसर लेकर आई। आत्मनिर्भर बनना ही एक रास्ता है। मोदी ने इस दौरान अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा कर दी है। इस पैकेज से जिन लोगों को ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद है, उनमें लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ का शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने इन चार एल को ही प्रमुखता दी है।


निर्मला सीतारमण कल कर सकती हैं कुछ घोषणा


इस पूरे पैकेज का ब्रेकअप वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आने वाले दिनों में कई चरणों में जारी करेंगी। इस आर्थिक पैकेज से लघु उद्योगों यानी एमएसएमई, गृह उद्योग आदि को ज्यादा मिलेगा, जिस पर करोड़ों लोगों की आजीविका निर्भर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये आर्थिक पैकेज हमारे देश के मध्यम वर्ग के लिए है, जो ईमानदारी से टैक्स देता है, देश के विकास में अपना योगदान देता है। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए, इस पैकेज में चार एल पर बल दिया गया है। यह सभी आत्मनिर्भर भारत के संकल्प का मजबूत आधार है।


किसानों और छोटे उद्योगों पर है इसका फोकस


प्रधानमंत्री ने कहा कि ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है। इसे एक तरह से मेक इन इंडिया के रूप में तैयार किया गया है। एसोचैम के जनरल सेक्रेटरी दीपक सूद ने कहा कि हम पिछले एक महीने से सरकार के साथ 200-300 अरब डॉलर के पैकेज की मांग कर रहे थे। आखिरकार हमारी मांग पूरी हुई है। अब यह देखा जाएगा कि आगे किस तरह से इसे अलोकेट किया जाएगा।


टूरिज्म, रियल इस्टेट, एविएशन सबसे ज्यादा प्रभावित


उन्होंने कहा कि देश में जो सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर हैं उसमें प्रमुख रूप से टूरिज्म, होटल, रिटेल, रियल इस्टेट, एविएशन, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर हैं। हालांकि हर सेक्टर किसी न किसी तरह से प्रभावित हैं, पर यह सेक्टर डायरेक्ट प्रभावित हैं, जिन्हें पैकेज की आवश्यकता थी। उनका कहना है कि यह पैकेज एमएसएमई सहित जब छोटे लोगों तक जाएगा तो इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।


एमएसएमई को ज्यादा मिलने की उम्मीद


पैंटोमैथ कैपिटल के एमडी महावीर लुनावत कहते हैं कि देश के एमएसएमई सेक्टर को इस समय बहुत बड़े पैकैज की आवश्यकता थी। हालांकि यह अभी देखना बाकी है कि वित्तमंत्री किसे कितना पैकेज देती हैं। लेकिन इस बड़े पैकेज से देश की अर्थव्यवस्था खासकर एमएसएमई को राहत मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इससे एमएसएमई सेक्टर की गति को बढ़ावा मिलेगा।


फिक्की की प्रेसीडेंट संगीता रेड्‌डी ने कहा कि इस पैकेज से देश के गरीबों और जरूरतमंदों के साथ एमएसएमई सेक्टर को राहत मिलेगी। साथ ही जब अर्थव्यवस्था चलेगी तो आम आदमी को भी राहत मिलेगी। लैंड, लेबर, लिक्विडिटी  और लॉ के फोकस से मेक इन इंडिया को मजबूती मिलेगी।