रायसेन में क्वारेंटाइन सेंटर से  संक्रमण फैलने की आशंका


दो दिन पहले नए स्थान पर शिफ्ट किए गए जमाती

रायसेन। छोटे से कस्बे में 22 जमातियों में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की बड़ी चूक नजर आ रही है। जमात से और अन्य स्थान से लौटे जिन मुस्लिम समाज के लोगों को भोपाल रोड स्थित दरगाह में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था। संक्रमण वहीं से फैलने की आशंका जताई जा रही है। क्वारेंटाइन सेंटर में समय रहते जमातियों द्वारा नियमों का पालन नहीं करना भी संक्रमण फैलने की एक वजह बताई जा रही है। दरगाह में बनाए क्वारेंटाइन सेंटर में 22 मरीज मिलने के बाद सभी को पॉलिटेक्निक कॉलेज में बनाए गए नए क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया है। जिले में कुल 24 संक्रमित मरीज हैं। एक मरीज के ठीक होने पर उसे एम्स भोपाल से छुट्टी दे दी गई है।  
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रायसेन की दरगाह में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में एक तरह से बाहर से आए जमातियों और अन्य लोगों को एक तरह से कैद कर दिया गया था। वहां उन्हें किसी तरह के दिशा-निर्देश नहीं दिए गए। कई लोगों के परिजन उन्हें इस दौरान घर से लाकर खाना देने आते थे। दरगार के अंदर बने मदरसे के तीन कमरों में 60 से ज्यादा लोगों को रखा गया था। यहां उनके लिए पीने के पानी के लिए भी दो ही मटके रखे गए थे। बताया जा रहा है कि क्वारेंटाइन सेंटर में 3 कमरों में  20-20 गद्दे जमीन पर डाल दिए गए। ये लोग जमीन पर ही सोते थे। गद्दों के बीच की दूरी भी दो फीट से ज्यादा नहीं थी। इस दौरान जमातियों ने भी नियमों का पालन करने के बजाय नियमों की धज्जियां उड़ाईं। ये भी पता चला है कि ये लोग दरगाह के अंदर बनी मस्जिद में ही सामूहिक नमाज भी पढ़ते थे। 


संक्रमण के ऐसे फैलने की आशंका
जानकारी के अनुसार अगर समय रहते बाहर से आए लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर में सैंपल लिए जाते तो संक्रमित मरीजों की संख्या 22 तक नहीं पहुंचती। आशंका जताई जा रही है कि एक-दो लोगों में संक्रमण हो सकता था। समय से जांच नहीं होने के कारण ये अन्य लोगों में फैल गया। अभी भी 26 जमातियों सहित अन्य लोगों की जांच रिपोर्ट आना बाकी हैं। हालांकि प्रशासन ने दरगाह में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर से सभी मरीजों को पॉलिटेक्निक कॉलेज में बनाए गए नए क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया है। लेकिन यहां भी उनके लिए जमीन पर गद्दे डाल दिए गए हैं। 


यहां के मरीज क्रिटिकल नहीं
कलेक्टर ने बताया कि रायसेन के मरीज माइल्ड सिस्टम वाले हैं, क्रिटिकल वाले नहीं है, इसलिए लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। माइल्ड सिस्टम वाले मरीजों को जिला अस्पताल से 100 मीटर की दूरी पर रखना होता है, इसलिए उन्हें इंडियन चौराहे के कोरोना केयर सेंटर में रखा गया है।


पहले मरीज ने कोरोना को हराया
शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के पहले मरीज की तीसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस आधार पर उसे एम्स अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। 8 अप्रैल को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे भोपाल एम्स अस्पताल भेज दिया गया था। यहां पर उसने डॉक्टरों द्वारा बताए गए टिप्स का पालन करते हुए कोरोना को हरा दिया है और वापस अपने घर लौट आया है। सोमवार की शाम वह एंबुलेंस से रायसेन पहुंचा। यहां पर उसका परिवार महिला कन्या छात्रावास में क्वारेंटाइन में निवास कर रहा है, उसे वहां पर ले जाया गया। यहां पर परिवार के साथ स्वास्थ्य विभाग के अमले ने तालियां बजाकर उसका गर्म जोशी के साथ स्वागत किया।


3 नए कंटेनमेंट एरिया बढ़े, प्रशासन ने किए सील
सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण की नई रिपोर्ट आने के बाद रायसेन में तीन नए कंटेनमेंट एरिया बढ़ गए हैं, जिनमें रायसेन शहर का वार्ड क्रमांक 13 अशोकनगर के साथ ही अल्ली गांव और महूपथरई गांव भी कंटेनमेंट एरिया में शामिल हो गया है। इन तीनों नए क्षेत्रों को कंटेनमेंट एरिया घोषित कर उन्हें प्रशासन ने सील कर दिया है। नए मरीजों में अल्ली गांव में 9 मरीज पाए गए है, जबकि महू पथरई और शहर के वार्ड क्रमांक 13 में एक-एक मरीज मिला है।


पुराने कंटेनमेंट एरिया में फिर मिले मरीज
कोरोना के मरीज मिलने के बाद रायसेन शहर की पुरानी बस्ती को कंटेनमेंट एरिया पहले से ही घोषित है। इन क्षेत्रों में फिर से 6 नए मरीज मिले है। वार्ड क्रमांक 6 में पहले 3 मरीज थे, वहां नई रिपोर्ट में दो और मरीज मिल गए है। इसी प्रकार वार्ड 3 में मरीज 2 से बढ़कर तीन, वार्ड 5 और 18 में अब 2-2 मरीज हो गए हैं। कोरोना के मरीज मिलने के कारण शहर वार्ड क्रमांक 3, 5, 6, 7, 8, 13, 16, 17 और 18 का क्षेत्र कंटेनमेंट एरिया घोषित हो चुके है। यहां के लोग अपने घरों में ही रहेंगे, उन्हें प्रशासन आवश्यक सामान पहुंचाएंगा। शहर के मुख्य मार्ग और घनी आबादी के बीच कोरोना केयर सेंटर बनाए जाने से आसपास के रहवासी डरे हुए हैं।  


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