पेश की मिसाल / भोपाल में कोरोना संक्रमित पिता का शव लेने बेटे ने इनकार इनकार किया तो तहसीलदार ने किया अंतिम संस्कार
- बैरागढ़ तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल ने दो दिन से मर्चुरी में रखे शव का अंतिम संस्कार किया और खुद मुखाग्नि देकर उदाहरण पेश किया। ।
- भोपाल के बैरागढ़ क्षेत्र का मामला, दो दिन से मर्चुरी में रखा था शव, परिजन नहीं कर रहे थे अंत्येष्टि
- बेटे और परिजनों ने प्रशासन को लिख कर दे दिया था कि हम पिता का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे
भोपाल. मंगलवार को भोपाल में कोरोना संक्रमित मृतक के बेटे ने पिता का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। ऐसे में शहर के बैरागढ़ क्षेत्र के तहसीलदार ने मानवता की मिसाल पेश की और दो दिन से मर्चुरी में रखे शव का अंतिम संस्कार किया और शव को मुखाग्नि दी। जानकारी के मुताबिक, कोरोना संक्रमित शुजालपुर निवासी प्रेम सिंह मेवाड़ा का एम्स छह दिन के उपचार के बाद 20 अप्रैल को मौत हो गई थी। बेटे संदीप मेवाड़ा ने शव लेने से इंकार कर दिया। उसने ये भी कहा कि वह उनका अंतिम संस्कार नहीं करेगा। उसने शव नहीं लेने और अंतिम संस्कार नहीं करने के लिए जिला प्रशासन को लिखित में दे दिया।
शुजालपुर निवासी प्रेम सिंह मेवाड़ा कोलाय कला सरकारी कॉलेज में लैब टेक्नीशियन थे, 8 अप्रैल को उनको पैरालिसिस अटैक आया था। इसके बाद उनको पुराने शहर के मल्टी केयर अस्पताल में इलाज के भर्ती किया गया था। यहां पर डॉक्टर्स ने उनका कोरोना जांच कराने की सलाह मेवाड़ा के बेटे संदीप को दी थी। 10 अप्रैल को उनके सुआव की सैंपल लिए गए। 14 अप्रैल को रिपोर्ट पाॅजिटिव आने पर उनको चिरायु अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। सोमवार देर रात उनकी मौत हो गई।
तहसीलदार ने परिवार को समझाने की कोशिश की
मामला शहर बैरागढ़ इलाके का है, क्षेत्र के तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल को जब इसकी सूचना लगी तो उन्होंने मृतक बुजुर्ग के बेटे संदीप और उनके परिजनों को समझाने की कोशिश की। तहसीलदार बघेल ने कहा कि वह पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार कर दें, लेकिन बेटे ने लिखकर दिया कि उसे न तो किट पहनना आती है और न ही उतारनी। उसे कोरोना संक्रमित के अंतिम संस्कार के नियमों की भी जानकारी नहीं है। वह अपने पिता का शव प्रशासन के हवाले कर रहा है। अब वही इसका अंतिम संस्कार कराएं। तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल ने बताया कि मृतक की पत्नी ने कहा था कि हमारा एक ही बेटा है, वह कोरोना संक्रमित न हो, इसलिए उससे अंतिम संस्कार न कराएं। नगर निगमकर्मियों को जब अंतिम संस्कार के लिए कहा गया तो उन्होंने भी मना कर दिया। इस पर तहसीलदार ने खुद ये बीड़ा उठाया और शव को बैरागढ़ श्मशान ले गया और अंतिम संस्कार कर दिया।