नीमच जिले की बॉर्डर से 3300 मजदूरों की घर वापसी


- सभी मजदूरों को घर पहुंचाने का काम दो-तीन दिन में पूरा होगा

नीमच। लॉकडाउन के कारण राजस्थान और मध्य प्रदेश में फंसे 4600 लोगों की मंगलवार से नीमच जिले के नयागांव बॉर्डर से घर वापसी शुरू हुई। हालांकि सभी मजदूरों को घर पहुंचाने का काम दो-तीन दिन में पूरा होगा। दोनों प्रदेश के मुख्यमंत्री की चर्चा के बाद मजदूरों की वापसी का रास्ता साफ हुआ था। 
मंगलवार को जैसलमेर से आए 3300 आदिवासी मजदूरों को 125 बसों से उज्जैन, धार, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले में भेजा जा रहा है। मध्य प्रदेश में फंसे राजस्थान के करीब 1300 लोगों को रोडवेज की 45 बसों से भेजा गया। इस व्यवस्था में विभिन्न विभागों के करीब 680 अधिकारी, कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई। इसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रत्येक मरीज का स्वास्थ्य परीक्षण और स्क्रीनिंग की। आदिवासी मजदूर जैसलमेर में फंसे थे। उज्जैन संभाग के 6 जिले के हजारों मजदूर लॉकडाउन के बाद से राजस्थान में फंसे थे। प्रदेश सरकार ने वापस लाने की तैयारी की। राजस्थान और मध्य प्रदेश को जोडऩे वाले नीमच जिले के नयागांव बॉर्डर पर जिला प्रशासन ने आवश्यक इंतजाम किए। सोमवार रात में 400 मजदूरों को 10 बस से गंतव्य रवाना किया था। मंगलवार सुबह जैसलमेर से बसों का आना शुरू हुआ, जो दोपहर तक आती रहीं। इन्हीं बसों में राजस्थान के लोगों को भेजा गया। इस मौके पर सांसद सुधीर गुप्ता, विधायक ओमप्रकाश सखलेचा, कलेक्टर जितेंद्र सिंह राजे, एससी मनोज कुमार राय उपस्थित रहे।


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