मप्र में आयुर्वेदिक पद्धति से होगा कोरोना से मुकाबला, सरकार ने लॉन्च की जीवन अमृत योजना


भोपाल। शिवराज सरकारने कोरोना वायरस के संक्रमण से लडऩे के लिए अब आयुर्वेदिक चूर्ण का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार जीवन अमृत योजना शुरू की है। कोरोना संक्रमण वाले इलाकों में सरकार की ओर से त्रिकुट चूर्ण बांटा जाएगा। 50 ग्राम का ये पैकेट प्रदेश के 1 करोड़ परिवारों में बांटने का लक्ष्य रखा गया है। दावा किया जा रहा है कि इसे पीने से इम्युनिटी बढ़ेगी और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इस चूर्ण से काढ़ा बनाया जाएगा। कहा जा रहा है कि ये काढ़ा कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में कारगर होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस त्रिकुट चूर्ण के एक करोड़ पैकेट तैयार कर लोगों तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। सौंठ, पीपली और काली मिर्च मिलाकर ये चूर्ण बनाया गया है और अब ये घर-घर लोगों तक पहुंचाया जाएगा।


गले को संक्रमण से बचाएगा काढ़ा
आयुष विभाग का दावा है कि इस चूर्ण से बनने वाले काढ़े का इस्तेमाल करने से गले का इफेक्शन दूर हो जाता है क्योंकि कोरोना वायरस का अटैक सीधे गले पर होता है। ऐसे में काढ़े का इस्तेमाल करने पर संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा।


सीएम ने की अपील
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वो इस चूर्ण का इस्तेमाल करें और कोरोना को दूर भगाएं। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि आयुष पद्धति के जरिए कई गंभीर बीमारियों का इलाज संभव है और ऐसे में वन विभाग की ओर से तैयार किया गया ये त्रिकुट चूर्ण कोरोना से बचाव में असरकार होगा।


50 ग्राम का है पैकेट
ये त्रिकुट चूर्ण मध्य प्रदेश लघु वनोपज संघ बना रहा है। 50 ग्राम का ये पैकेट होगा जो आयुष विभाग नि:शुल्क बांटेगा। पूरे प्रदेश में एक करोड़ 
परिवारों तक काढ़े का पैकेट बांटने का लक्ष्य रखा गया है। दावा है कि इसे पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। इससे सर्दी-ज़ुकाम सहित कोरोना से लडऩे में मदद मिलेगी। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।


आयुष डॉक्टर घर घर पिलाएंगे काढ़ा
इंदौर में भी लोगों का इम्यून सिस्टम मजबूत करने और रेजिस्टेंस बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाइयों को घर घर पहुंचाया जाएगा। कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि शहर के कंटेनमेंट एरिया के लोगों को आयुष डॉक्टर आयुर्वेदिक दवाइयों के साथ ही काढ़ा उपलब्ध कराएंगे जिससे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकें और उनमें कोरोना से लडऩे की ताकत आ जाए। आयुष डॉक्टरों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों की साथ हुई बैठक में कलेक्टर ने ये निर्देश दे दिए हैं। पहले कम खतरे वाले कंटेनमेंट एरिया में डॉक्टर जाएंगे उसके बाद शहरभर में आयुष डॉक्टर काढ़ा और च्यवनप्राश जैसी दवा बांटेगें।