कोरोना पर सरकार / स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना का इलाज संभव नहीं, ऐसा करना गैर कानूनी; अभी केवल ट्रायल के तौर पर इसका प्रयोग हो

कोरोना पर सरकार / स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना का इलाज संभव नहीं, ऐसा करना गैर कानूनी; अभी केवल ट्रायल के तौर पर इसका प्रयोग हो




  • देश में 3 मई तक लॉकडाउन है। मुंबई स्थित वर्ली इलाके की झुग्गी बस्तियों में पीपीई किट पहनकर लोगों का टेस्ट करते स्वास्थ्यकर्मी।देश में 3 मई तक लॉकडाउन है। मुंबई स्थित वर्ली इलाके की झुग्गी बस्तियों में पीपीई किट पहनकर लोगों का टेस्ट करते स्वास्थ्यकर्मी।





  • केंद्र सरकार ने अहमदाबाद और सूरत में संक्रमण की स्थिति का जायजा लिया, दोनों जगहों पर संतोषजनक प्रोग्रेस मिली

  • स्वास्थ मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा- संक्रमण फैलने की रफ्तार कम हुई, 17 जिलों में पिछले 28 दिनों से कोई केस नहीं


 

नई दिल्ली. स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इंडियन मेडिकल काउंसिल (आईसीएमआर) का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना का प्लाज्मा थेरेपी के जरिए कोरोना का इलाज नहीं कहा जा सकता। अगर कोई इस थैरेपी के जरिए इलाज का दावा करता है तो यह गैर-कानूनी है। अभी इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि प्लाज्मा थैरेपी के जरिए मरीजों को ठीक किया जा सकता है। आईसीएमआर ने इस पर अध्ययन शुरू किया है। तब तक इसको लेकर किसी प्रकार का दावा नहीं किया जाना चाहिए। गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाएगा तो इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसलिए अभी केवल ट्रायल और रिसर्च ही इस पर किया जा सकता है।


अग्रवाल ने कोरोना से प्रभावित दुनिया के 20 देशों से भारत की तुलनात्मक रिपोर्ट भी पेश की। इसमें चीन, इटली, अमेरिका, ईरान, यूके जैसे देश शामिल हैं। बताया कि इन देशों की तुलना भारत में स्थिति काफी अच्छी है। दूसरे देशों में हमारे यहां से 84 गुना ज्यादा केस रिपोर्ट हुए। इन देशों में हमारी तुलना में मौत भी 200 गुना ज्यादा हुईं।


तेजी से सही हो रहे संक्रमित, रिकवरी रेट 23.3 हुई


अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना संक्रमितों की रिकवरी रेट अब 23.3% हो गई है। इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह देश के लिए अच्छी बात है। अभी तक देश में संक्रमण के कुल 29435 मामले आ चुके हैं, जिनमें 21632 एक्टिव केस हैं, जबकि शेष का इलाज चल रहा है। पिछले एक दिन में 684 लोगों को सही किया जा चुका है। संक्रमण फैलने की रफ्तार भी कम हुई है। 17 जिलों में पिछले 28 दिनों से कोई केस नहीं आया है।


अहमदाबाद और सूरत में आईएमसीटी की टीम का निरीक्षण
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पीएस श्रीवास्तव ने बताया कि आईएमसीटी की टीम ने सूरत और अहमदाबाद में निरीक्षण किया। सूरत में पाया कि प्रशासन तकनीक की मदद से संक्रमितों और संदिग्धों की पहचान कर रही है। सूरत नगर निगम का वॉर रूम और डॉक्टर्स की टीम पूरे शहर में निगरानी रख रही है। लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए पुलिस ड्रोन की मदद ले रही है। अंदरूनी गलियों में लॉकडाउन का पालन नहीं हो रहा है। इसके लिए कई सुझाव दिए गए हैं। अहमदाबाद में भी इसी तरह कई हॉस्पिटल्स का निरीक्षण किया। आईएमसीटी ने संक्रमण की रोकथाम के लिए कई सुझाव जिला प्रशासन को दिया है। इसके अलावा केंद्र सरकार की मदद से एक रिसर्च सेंटर स्थापित करने को भी कहा। जहां संक्रमण पर शोध हो सके।


पत्रकारों के सवाल और मंत्रालय का जवाब



  •  जब सारे सुरक्षा के उपकरण उपलब्ध हैं फिर स्वास्थ्य कर्मी क्यों संक्रमित हो रहे हैं?


जवाब : संक्रमण की स्थिति में सतर्कता बेहद जरूरी है। थोड़ी सी भी अगर इसमें लापरवाही हुई तो कोई भी संक्रमित हो सकता है। हमारे लिए जरूरी है कि सभी स्वास्थ्यकर्मी जरूरी दिशा निर्देशों का पालन करें। सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि अन्य दूसरी बीमारियों के इलाज के दौरान भी सावधानी रखने की जरूरत है।



  • संक्रमित लोगों के ठीक होने के बाद परेशान किया जा रहा है। लोगों को डर है कि उनसे संक्रमण फैल सकता है। क्या ठीक हुए लोगों से संक्रमण फैलेगा?


जवाब : जो लोग ठीक हो चुके हैं उनसे संक्रमण फैलने का कोई खतरा नहीं है। यह सही है कि दुनिया में कुछ लोग पहले तो ठीक हुए हैं लेकिन बाद में संक्रमित मिले हैं। लेकिन इनकी संख्या अभी बहुत कम है। इस आधार पर ठीक हुए व्यक्ति से संक्रमण फैलने का खतरा होने का दावा नहीं किया जा सकता है।