फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में पटवारी को 3 साल की जेल

जबलपुर जिला अदालत का फैसला
जागरण जबलपुर। अदालत ने फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोपित पटवारी एकता नगर, विजय नगर, जबलपुर निवासी लाल बहादुर सिंह बघेल को दोष सिद्ध पाते हुए 3 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 6 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।  अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी ज्योति शर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 30 मई 2002 को दिनेश नामक युवक ने ऋण पुस्तिका बनवाने के लिए नायब तहसीलदार कार्यालय में आवेदन किया था। बैंक की अनापत्ति, शपथपत्र व खसरा पंचसाला के अभाव में आवेदन निरस्त कर दिया गया। इस पर आरोपित पटवारी लालबहादुर ने 5 हजार रुपए में समस्त दस्तावेजों का जुगाड़ करके बही मुहैया करा देने का भरोसा दिलाया। 11 जून 2002 को दिनेश ने लालबहादुर को 5 हजार रुपए दिए, जिसके बाद उसे एक बही पकड़ा दी गई। बाद में कुछ लोगों ने बताया कि बही में भूमि धारक का छायाचित्र होता है और नंबर रहता है। साथ ही आदेश की तारीख भी होती है। तब दिनेश ने देखा कि बही तैयार करने की तिथि 15 मई 2002 अंकित है, जबकि उसने बही तैयार करने हेतु आवेदन 30 मई 2002 को दिया था। फरियादी के द्वारा बही पर संदेह पैदा होने पर उसकी प्रामाणिकता की जांच किए जाने के लिए उसने नायब तहसीलदार के समक्ष आवेदन दिया था। जांच उपरांत नायब तहसीलदार द्वारा इस आशय का पत्र प्रेषित किया गया कि आरोपित द्वारा दी गयी ऋण पुस्तिका कूटरचित है जिस पर से ओमती थाना में मामला दर्ज कर जांच में लिया गया जिसके बाद पटवारी लालबहादुर सिंह बघेल के विरूद्ध धारा 420,468 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया।