- राजकुमार सोनी
भोपाल। मध्यप्रदेश में कुछ दिनों से छाए सियासी कोहरे के बादल अब छंटने लगे हैं। अंदरखाने के विश्वससूत्रों की मानें तो शिवराज सिंह चौथी बार मुख्यमंत्री का पदभार संभालने जा रहे हैं। शिवराज सिंह चौहान के नाम की सभी नेताओं में सहमति लगभग बन गई है। सिर्फ औपचारिक घोषणा 24 मार्च को हो जाएगी। नवरात्रि, गुड़ी पड़वा, नवसंवत्सर के दिन 25 मार्च को शिवराज सिंह पदभार ग्रहण कर सकते हैं।
24 मार्च को होगी बैठक
इससे पहले 24 मार्च की शाम या देर रात को भाजपा विधायक दल की औपचारिक बैठक में चौहान को नेता चुना जाएगा। इसके बाद वे राज्यपाल लालजी टंडन के समक्ष नई सरकार के गठन का दावा पेश करेंगे। पार्टी की तैयारी पहले सोमवार को ही विधायक दल की बैठक बुलाने की थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते जनता कफ्र्यू और लॉक डाउन के कारण इसे आगे बढ़ा दिया गया। पार्टी ने शिवराज को नेता बनाए जाने की औपचारिक घोषणा अभी नहीं की है, लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने उन्हें कमान सौंपने का मन बना लिया है।
पीएम मोदी ने की शिवराज से बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दो बार शिवराज सिंह चौहान से कोरोना के मुद्दे पर बातचीत की थी। इसमें उन्होंने चौहान को प्रशासन से संपर्क बनाए रखने के लिए भी कहा है। दूसरी वजह सिंधिया के समर्थन के कारण बन रही सरकार को चलाने में समन्वय का मुद्दा महत्वपूर्ण रहेगा, इसलिए चौहान के अनुभव का पार्टी को लाभ मिलेगा।
चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में शपथ
पार्टी सूत्रों ने बताया कि 25 मार्च को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में भी किसी तरह के ताम-झाम नहीं करने का फैसला पार्टी ने किया है। चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में सादगी से शपथ दिलाई जाएगी। मालूम हो कि सरकार के अल्पमत में आने के बाद 18 मार्च को कमल नाथ ने इस्तीफा दे दिया था।
मप्र में शिवराज ही क्यों?
मुख्यमंत्री पद के लिए स्वाभाविक तौर पर शुरू से ही शिवराज सिंह चौहान का नाम चल रहा है। पार्टी नेताओं की मानें तो मामा के नाम से मशहूर शिवराज ही मप्र में होने वाले 24 उपचुनाव में भाजपा की नैया पार लगा सकते हैं। शिवराज सिंह ने कमलनाथ सरकार के रहते हुए भी 15 माह तक लगातार प्रदेश में गरीबों, किसानों की समस्याएं सुनीं। जिससे उन्हें जनता में और लोकप्रियता मिली। यह माना जा रहा है कि सिंधिया का समर्थन भी चौहान के साथ ही रहेगा। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी शिवराज सिंह के नाम पर सहमति जताई है। हालांकि तोमर हाईकमान के नजदीक भी माने जाते हैं पर बाकी समीकरण तोमर के साथ नहीं हैं। पहले ही चंबल से विष्णुदत्त शर्मा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष हैं। मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी चंबल से हैं और कांग्रेस से आए ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इसी इलाके से आते हैं, इसलिए यदि कमान फिर चंबल को दी जाती है तो मप्र का भौगोलिक संतुलन बिगड़ जाएगा। पार्टी सूत्रों ने बताया कि शिवराज सिंह 25 मार्च को कमान संभाल लेंगे, इसकी तैयारियां अंतिम चरणों में चल रही हैं।