कब्ज मुक्ति के सामान्य नियम 


कब्ज मुक्ति के सामान्य नियम 


  योगी योगानंद {आध्यात्मिक एवं योग गुरु  }
आयुर्वेद के अनुसार  -
'' मलाभाबाद  बलाभावो बलाभावाद सु छ्ह "
 मल से  बल की कमी होती है और बल की कमी होने से प्राण की कमी होती है  हमारे शरीर में प्राणों के  असंतुलित होने से व्यक्ति को अनेक प्रकार की बीमारियों घेर लेती है | अर्थात इसका तात्पर्य यह है  कि प्राण ही सब कुछ है, | डॉक्टर को आपने कहते सुना ही होगा कि अब प्राण निकल गए , अब कुछ नहीं हो सकता है |  कब्ज प्राण तत्व का सबसे बड़ा दुश्मन है ,  कब्ज से प्राण शरीर में असंतुलित होता है, इसीलिए कब्ज को सभी बिमारियों की जड़ माना गया है | आज हम बताने जा रहे हैं आपको कब्ज दूर करने के सामान्य नियम 

पित्त का  अल्प मात्रा में बनना  ही कब्ज का प्रमुख कारण है जितना अधिक परिश्रम होगा उतना अधिक पित्त का निर्माण होगा ,आंतों की सफाई में साबुन की तरह कार्य करता है अतः परिश्रम प्रतिदिन इतना होना चाहिए कि सांस तेज गति चलने लगे और पसीना आ जाए वृद्धावस्था में परिश्रम कम होने से कब्ज की शिकायत रहती है 

दूसरा भोजन में सेंधा  नमक ,मिर्च ,काली मिर्च ,अदरक, लहसुन ,पिंड खजूर जैसे आग्नेय  पदार्थों को शामिल करना चाहिए ये शरीर  में पित्त का निर्माण करते हैं अगर कब्ज से मुक्ति चाहते हैं तो रात्रि 11:00 बजे सोना अनिवार्य है हमारे लीवर में प्राण ऊर्जा का सर्वाधिक संचार रात्रि 11:00 बजे से लेकर  रात्रि 3:00 बजे तक रहता है |लीवर हमारे पाचन तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण भाग है जो शरीर से विषैले पदार्थों को निकाल कर बाहर करता है यह तभी कार्य करता है जब हम नींद में होते हैं अगर हम रात्रि 12:00 बजे सोते हैं तो लीवर को कार्य करने के लिए 3 घंटे का समय मिलेगा अगर 2:00 बजे सोते हैं तो 1 घंटे का समय मिलेगा और यदि 3:00 बजे सोते हैं तो लीवर को कार्य करने का समय नहीं मिलता और हमारा शरीर विषैले पदार्थों से युक्त हो जाता है |

 रात्रि में भोजन के बाद तुरंत सोना कब्ज को बढ़ावा देना है | 
4  कब्ज दूर करने के लिए आवश्यक है कि पानी बैठकर घूंट घूंट ही पिए , साथ ही अगर आप कठिन परिश्रम नहीं करते तो ५- ६ घंटे बाद ही कुछ और चीज खाएं अगर 
आप किसी बर्तन में दाल  पकाने  रखेंगे और थोड़ी थोड़ी देर में उसमे और दाल डालते रहेंगे तो दाल कभी नहीं पक पायेगी, ऐसी प्रकार पेट भी एक बर्तन है जिसमे   बार बार चीजे डालने से पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता | 

तांबे के बर्तन में रखा पानी उषाकाल में पीने से कब्ज दूर होता है | 

भूख जोर से लगने पर ही भोजन करना चाहिए और तृप्ति से पहले ही भोजन समाप्त कर देना चाहिए | 

सोने से पूर्व गुनगुना पानी पीना चाहिए इससे कब्ज के साथ-साथ अनेक गंभीर बीमारियों का खतरा भी दूर हो जाता है | 

ऋतु अनुसार साग साग सब्जियों का प्रयोग कब्ज दूर करता है | 

 घंटों तक लगातार बैठकर कार्य करने से कब्ज, बवासीर ,फिसर , भगंदर की समस्या पैदा हो जाती है  |  1 घंटे बाद 5 मिनट घूमना मानसिक शक्ति को तो बढ़ाता ही है, अनेक बीमारियों को भी दूर रखता है | 


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