हनुमान बूढ़े नहीं हो सकते, इसलिए उनके वृद्ध रूप की पूजा गलत : मुरारी बापू


लहार/भिंड। आधुनिक युग के तुलसी और राष्ट्रीय संत मुरारी बापू ने कहा कि मुझे रास नहीं आता जब लोग बूढ़े हनुमान के चित्र को पूजते हैं। हनुमान कभी बूढ़े नहीं हो सकते। वे तो अजर अमर हैं। किसी अफवाह फैला दी कि बापू कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए। वहां एक गुफा में सुंदरपाठ करते हुए वृद्ध रूप में हनुमान ने उन्हें दर्शन दिए। यह चित्र जिसने भी बनाया उसने किशोरी के वचनों का खंडन किया। उन्होंने कथा के दौरान मोबाइल फोन पर बूढ़े हनुमान का चित्र भी दिखाया। इस दौरान उनके चेहरे पर क्रोध भी झलका। वे इन दिनों जिले के सुप्रसिद्ध श्रीरावतपुरा धाम में श्रीराम कथा का वाचन कर रहे हैं। इस अवसर पर धाम के महंत श्री रविशंकर महाराज के अलावा अन्य संत, जनप्रतिनिधि और श्रोतागण मौजूद थे। बापू ने कहा कि यहां कथा कहते हुए आनंद आ रहा हैं क्योंकि यहां नियमित श्रोता तो 400-500 ही है। शेष सभी नए श्रोता आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कथा के केंद्र में पवन तनय है और पवन तनय शब्द पूरे रामचरित्र मानस में सिर्फ सात बार आया है। तीन बार किष्किंधा कांड में और दो- दो बार सुंदर कांड व लंका कांड में आया है। शेष सभी सोपान में हनुमानजी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से हैं। जबकि इन तीन कांड में अधिक रूप से सक्रिय हैं तब पवन तनय शब्द का प्रयोग किया गया। बापू ने कहा कि हनुमानजी वायु है। भगवान राम का जब प्राकट्य होता है तब वे वायु के रूप में अप्रत्यक्ष तौर पर उपस्थित हैं।मंगलवार को कथा में डॉ। रामकमलदास वेदांती महाराज, तेंदुखे?ा विधायक संजय शर्मा, झांसी विधायक रवि शर्मा, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, पूर्व विधायक मथुरा महंत, मंच संचालक पंडित रमाकांत व्यास सहित कई श्रोता मौजूद रहे।
बापू का शायरना अंदाज- गम का खजाना तेरा भी है मेरा भी।।।
मंगलवार को क?ाके की सर्दी के बीच बापू शायरना अंदाज में दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि मौसम भी रोज बदल रहा है मैं भी रोज बदलता हूं। कुछ भी कर लो आंधी आए, बरसात आए, बर्फ प?े लेकिन कथा यूं ही चलेगी। बापू ने शायरना अंदाज में कहा गम का खजाना तेरा भी मेरा भी है, यह नजराना तेरा भी है मेरा भी है। अपने गम को गीत बनाकर गा लेना। राग पुराना तेरा भी है मेरा भी है। तू मुझको और मैं तुझको समझाऊं क्या। दिल दीवाना तेरा भी है मेरा भी है। बापू के इस अंदाज ने श्रोताओं को भक्ति में डूबो दिया। वहीं कई श्रोता नाचने लगे। बापू ने कहा कि यहां प्यार परमात्मा की भक्ति से है।