ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर देश भर में हुई 240 करोड़ की ठगी


देवास पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ किया मुकदमा दर्ज, एक गिरफ्तार
देवास। ऑनलाइन गेमिंग के जरिये भोले-भाले लोगों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का एक मामला उजागर होने के बाद देवास पुलिस ने इस कारोबार के मुख्य सरगना सिद्धार्थ चौरसिया को ठाणे मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है। जबकि उसके 4 साथी अभी भी फरार बताए गए है। जिनकी धरपकड़ के लिए पुलिस कई स्थानों पर दबिश मार चुकी है। पुलिस ने जो कम्प्यूटर हार्डडिस्क जब्त की है, उसके अनुसार इन आरोपियों ने अब तक देश भर में 240 करोड़ की ठगी की है। इस बात का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर सोलंकी ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि फरियादी धर्मेंद्र पिता मुन्नालाल पटेल निवासी इंदौर हालमुकाम चापड़ा से कुछ समय पूर्व संजय शर्मा नामक व्यक्ति मिला था, जिसने बताया था कि ऑनलाइन गेमिंग के जरिये अच्छा पैसा कमाने का चांस आया है। 
उसने विश्वास में लेकर धर्मेंद्र को बताया कि इन्फोकॉम डॉट कॉम नामक कंपनी मुंबई के सिद्धार्थ चौरसिया एवं अविनाश चौरसिया की है, जहां कोच्चि के इंजीनियर अरुण सोमन व लेसली थॉमसन कार्य करते है। इन्हीं की मदद से गेम खेलकर लाखों रुपये प्रतिमाह कमाए जा सकते है। धर्मेंद्र संजय शर्मा के झांसे में आ गया और अपने मोबाइल पर गेम एप्लीकेशन डाउनलोड कर आईडी व पासवर्ड संजय शर्मा को दे दिये। नियमानुसार गेम खेलने से पहले राशि जमा करना जरूरी था, लिहाजा धर्मेंद्र ने 1 लाख रुपये जमा करा दिये और गेम खेलना शुरु किया तो वह हारता ही चला गया। जब उसने संजय से संपर्क किया तो संजय ने उसे गेम खेलते रहने की सलाह देते हुए पैसे रिकवर करवाने की भी जिम्मेदारी ली। इसके बाद धर्मेंद्र ने ओर पैसे दांव पर लगा दिये, किंतु वह हार गया। जब उसे इस बात का अहसास हुआ कि वह किसी धोखाधड़ी का शिकार हो रहा है, तब उसने बागली थाने पहुंचकर पूरी कहानी सुनाई और रिपोर्ट दर्ज कराई। 
पुलिस ने इस मामले में सिद्धार्थ चौरसिया, अविनाश चौरसिया दोनों निवासी ठाणे मुंबई, अरुण सोमन, रेसली थॉमसन निवासी कोच्चि केरल व संजय शर्मा निवासी इंदौर के खिलाफ धारा 420, 465, 468, 471, 120-बी के तहत मुकदमा दर्ज कर सिद्धार्थ चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने सिद्धार्थ को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस ने सिद्धार्थ की निशानदेही से हार्डडिस्क, लेपटॉप आदि जब्त किया है, जिसकी छानबीन करने पर पता चला है कि आरोपियों द्वारा पिछले एक साल में करीब 240 करोड़ की ठगी की है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में मुंबई गई थी, किंतु पुलिस के आने की भनक लगते ही आरोपीगण फरार हो गए, पुलिस जिनकी तलाश कर रही है। पुलिस को मिली इस सफलता में निरीक्षक दिनेशसिंह चौहान, बागली टीआई अमित सोनी, उपनिरीक्षक प्रदीप राय, पूजा सोलंकी, अनिल चाकरे, प्रधान आरक्षक देवेंद्र, आरक्षक धर्मराज, यशवंत, अर्पित, महेश, रमन, जितेंद्र, रोहित, विजय, साइबर सेल के शिवप्रताप सेंगर, सचिन चौहान की भूमिका सराहनीय रही। इस टीम को नगद पुरस्कार देने की भी घोषणा की गई।