मानस भवन में लघुकथा गोष्ठी संपन्न

मानस भवन में लघुकथा गोष्ठी संपन्न
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     भोपाल 30 नवम्बर, शनिवार। आज मानस भवन भोपाल में लघुकथा शोध केंद्र की मासिक लघुकथा गोष्ठी संपन्न हुई। कॉर्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश लेखक संघ के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार 
डा रामवल्लभ आचार्य ने  की, मुख्य अतिथि, समीक्षक, पत्रकार, साहित्यकार युगेश शर्मा जी रहे। कॉर्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती जया आर्य ने किया।
     डा मौसमी परिहार द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से कॉर्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
     लघुकथा पाठ के अंतर्गत किरण खोड़के ने एक्सीडेंट तथा कैपसूल, अशोक धमेनिया ने बेटी और पेड़,  गोकुल सोनी ने 'केरियर' और 'भूसे का बोरा', मृदुल त्यागी ने बेटी और हुनर,  मालती बसंत ने रिश्तों की पहचान और कठपुतली, मौसमी परिहार ने घर और मकान तथा संस्कार  लघुकथाएं पढ़ीं.
     समीक्षा अशोक मनवानी, गिरजेश सक्सेना, मुज़फ्फर सिद्दिक़ी, सुरेश कुशवाहा 'तन्मय' ने की।
     मुख्य समीक्षक श्री युगेश शर्मा ने कहा लघुकथा की आत्मा को पहचानना बहुत ज़रूरी है। रचना पढ़ने और सुनाने में फर्क होता है. आज की गोष्ठी में जल संकट, भ्रूण हत्या, बच्चों पर माँ बाप के सपने लादने, जैसे विषय छाए रहे।
     गोकुल सोनी की लघुकथा 'केरियर' ने सभी माता-पिता को अपने सपने बच्चों पर न लादने के प्रति सचेत किया। 
सुरेश कुशवाहा 'तन्मय' ने कहा कि बौद्धिकता इतनी बढ़ गई है कि भावनाएँ विलुप्त सी हो गईं हैं। सभी रचनाकारों को
अपनी लेखनी में संवेदनाओं को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है. 
     अंत में आ कांता रॉय की सासू माँ के एवम मानस भवन के कार्यकर्ता पपलेश दुःखद निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
आभार सुनीता प्रकाश ने व्यक्त किया ।


गोकुल सोनी