कांटे, चम्मच नहीं हाथ से खाने के हैं कई फायदे

कांटे, चम्मच नहीं हाथ से खाने के हैं कई फायदे


---------डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल 
            आयुर्वेद के हिसाब से हमारा  हाथ सबसे उत्तम उपकरण हैं .इसके माध्यम से हम सब काम करते हैं .पश्चिमी देशों की देखा देखी के साथ अधिकांश मांसाहार खाने वालों को कांटे छुरी की जरुरत होती हैं और उन्ही में अधिकतर लड़ाई झगड़े भी होते हैं और थोड़ी सी उत्तेजना में छुरी का उपयोग मारने  में करते हैं .जबकि हाथ से भोजन करने से हमें भोज्य सामग्री की गुणवत्ता की जानकारी मिलने के साथ उस भोज्य सामग्री से लगाव भी पैदा होता हैं .
                                     हाथ से खाने पर हमें अहसास होने लगता हैं की खाना पर्याप्त पका हैं या नहीं .उससे स्वाद का भी अहसास होता हैं .
                                      खाते वक्त जमीन पर बैठने से लेकर जल्दी भोजन  कर लेने तक पुराने जमाने के लोग जिन बातों का पालन  करते थे उनके पीछे खास वजह होती थी। दिन चर्या  में शामिल ये साधारण चीजें स्वास्थ्य  के काफी अच्छी होती हैं। हालांकि पश्चिमीकरण  के चलते धीरे-धीरे ये परम्परा  गायब हो चुके हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं हाथ से खाना खाने के फायदे...
                                अगर आपका वजन ज्यादा है तो चम्मच, कांटे के बजाय हाथ से खाना शुरू कीजिए। आयुर्वेद के मुताबिक, जब आप खाने का निवाला लेने के लिए उंगलियों को जोड़ते हैं तो इससे योगिक मुद्रा बन जाती है जो कि आपके नाजुक  अंगों  को ऐक्टिवेट करती है।
                              माना जाता है कि हर उंगली पांचों तत्वों का रूप होती है। अंगूठा आकाश, पहली उंगली हवा, बीच की उंगली आग, रिंग फिंगर पानी और सबसे छोटी उंगली धरती का प्रतिनिधित्व करती  है।
                                 जब उंगलियां आपके खाने को छूती हैं तो आप खाने के तासीर , स्वाद के लिए अपने आप ही ज्यादा सजग हो जाते हैं। साथ ही हाथ से खाना खाने से दिमाग को तेजी से संकेत मिलते  है कि आप खाने वाले हैं इससे पाचन क्रिया   तेज होता है।
                         जब आप चम्मच से खाते हैं तो खाना तेजी से खाने लगते हैं जिससे ज्यादा खा लेते हैं। वहीं हाथ से खाने पर आपकी गति  कम हो जाती है और संतुष्टि का अहसास होता है । इसमें ज्यादा लगाव  मिलते   हैं तो आपका भोजन  नियंत्रित   रहता है। इससे न सिर्फ आपका वजन नियंत्रित रहता है बल्कि खाने का स्वाद भी ज्यादा मिलता है।
                 अगर आपको हाथ से खाने की आदत नहीं है तो थोड़ी अभयास  से आपकी मुश्किल आसान हो सकती है। लेकिन खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धोना न भूलें। इन्फेक्शन से बचने के लिए नाखून भी कटे होने चाहिए।
                    हम जितना अधिक नैसर्गिक होंगे प्रकृति के नजदीक रहेंगे उतने सुखद रहेंगे .अच्छी आदतें सीखने में कोई आपत्ति नहीं होना चाहिए .
                      डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104  पेसिफिक ब्लू, नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड ,भोपाल 462026  मोबाइल 09425006753


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