हुआ दिल्लगी का असर

ग़ज़ल


हुआ दिल्लगी का असर धीरे धीरे,
मुहब्बत हुआ है मगर धीरे धीरे।


मिली आज नजरें जो उनकी नजर से,
हमें चांद आया नजर धीरे धीरे।


हमें प्यार दिखता निगाहों में उसके,
हुआ दिल में लेकिन बसर धीरे धीरे।


हमें ना खबर थी कि क्या माजरा है,
घुला इश्क का अब जहर धीरे धीरे।


सताते रहे वो तो सहती रही मैं,
हुआ अब जफ़ा का खबर धीरे धीरे।


पूनम सिन्हा,
 धनबाद झारखण्ड।