तबादला एक्सप्रेस में उपवंशी का रिटर्न टिकट सीएम हाउस से हुआ कंफर्म 

बैतूल. बैतूल का मोह ऐसा है कि जो भी आता है वो जाने का मन नहीं करता। बैतूल में काजू प्रोजेक्ट और आम के तथाकथित माजा प्लांट का ख्वाब बेचने के लिए चर्चित उप संचालक उद्यानिकी का जबलपुर हुआ तबादला, उनके रिलीव होने के बाद निरस्त हो गया है। भाजपा राज में भी डॉ. उपवंशी के सियासी समीकरण जबरदस्त थे और इसलिए वे बैतूल जैसी जगह में इतने समय तक टिकी रही। जब कांग्रेस की सरकार आई तो करीब 8 माह बाद उनका तबादला भी हुआ तो वह एक महिने के अंदर निरस्त हो गया। दूसरी तरफ इस तबादले के निरस्त को लेकर चर्चा है कि सीएम हाऊस के निर्देश पर आदेश हुए है। इसका कारण कोई कह रहा है कि उनका कोई परिजन बालाघाट में कांग्रेस की टिकिट पर चुनाव लड़ चुका है, उसके प्रभाव से तबादला निरस्त हुआ है तो कोई कह रहा है कि सीएम हाऊस से अगर आदेश है तो इसमें पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे की भी भूमिका हो सकती है। 


काजू की खेती से माजा प्लांट तक का सपना बेचा
बैतूल जिले में काजू की खेती को लाभ का धंधा बताकर इसका लंबा-चौड़ा प्रोजेक्ट लॉंच किया गया। अभी प्रोजेक्ट के रिजल्ट आना तो दूर है, लेकिन उसकी ब्रांडिंग इस तरह से की गई कि लोग मुरीद होने लगे। हालांकि जो जानते, समझते है उन्हें पता है कि काजू की हकीकत क्या है, वहीं इसके बाद अचानक बैतूल में भयंकर आम के उत्पादन और उसके बाद माजा प्लांट का सपना बेचा जाने लगा। जबकि इसके पहले भी जिले में आम और संतरे के प्रोजेक्ट आ चुके है।


डेढ़ करोड़ के सप्लाई के बिल हैं जांच का विषय
जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार ट्रेजरी में करीब 7-8 दिन पहले 3-4 अलग-अलग बिल प्रस्तुत किए गए। यह सभी माइक्रो एरिगेशन उपकरणों के बिल थे, जिसमें अलग-अलग फार्मों को भुगतान किया जाना बताया गया है। जो जानकारी है उसके अनुसार एक बिल 33 लाख का है, दूसरा बिल 26 लाख और तीसरा बिल 41 लाख का है। यह सभी पेमेंट वित्तीय वर्ष 2018-19 की सप्लाई के बताए गए है। इस मामले में पूरी जानकारी कलेक्टर के संज्ञान में है, जो जांच का विषय है।


० डॉ. आशा उपवंशी बतौर उप संचालक उद्यानिकी 
 के रूप में बैतूल में  दो साल तैनात रही। 
० 23 सितंबर को डॉ. उपवंशी का बैतूल से जबलपुर 
 के लिए तबादला आदेश जारी हुआ। 
० 5 अक्टूबर को कलेक्टर ने भूमि संरक्षण 
 अधिकारी राजपूत को उप संचालक उद्यानिकी 
 के रूप में चार्ज लेने के आदेश दिए। 
० राजपूत ने चार्ज के लिए डॉ. उपवंशी से संपर्क 
 किया तो उन्होंने कहा कि शनिवार है सोमवार 
 को चार्ज ले लेना, मैं बाहर हूं।
० अचानक ही शनिवार 5 अक्टूबर को होशंगाबाद 
 के उप संचालक उद्यानिकी संग्राम सिंह तोमर ने 
 आकर उपवंशी की जगह चार्ज ले लिया।
० 22 अक्टूबर को उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण 
 विभाग की उप सचिव किरण मिश्रा ने डॉ. आशा 
 उपवंशी का तबादला निरस्त कर दिया।


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