बैठक में बंद रहे दरवाजे, मीडिया को रखा बैठक से दूर


अशोकनगर।  जिला योजना समिति की बैठक विवादों में घिर गई है। इस अहम बैठक में हुई चर्चा से मीडियाकर्मियों को दूर रखा गया। बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी कक्ष के बाहर बैठक षुरु होने का इंतजार कर रहे थे। दोपहर 3 बजे जैसे ही कक्ष के अंदर प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायकगण, कलेक्टर सहित आला अधिकारी व जियोस सदस्य पहुंचे, कक्ष को बंद कर दिया गया। 
ऐसे में बैठक का कवरेज करने पहुंचे मीडियाकर्मियों ने हंगामा कर दिया। फिर भी बंद कमरे के अंदर बैठक चलती रही। बैठक खत्म होने के बाद प्रभारी मंत्री, विधायक व अधिकारी तो मीडिया से कन्नी काट गए लेकिन सांसद ने मीडिया का पक्ष लेते हुए कहा कि जब संसद की कार्रवाई का सीधा प्रसारण होता है तो जियोस बैठक से मीडिया को दूर रखा जाना उनके समझ में नहीं आया। सांसद डॉ. केपी यादव ने मीडिया से अपनी चर्चा में कहा कि उनके द्वारा बैठक में कई अहम मुद्दे उठाए गए थे लेकिन प्रभारी मंत्री ने उन्हे हंसी मजाक में उड़ा दिया। सांसद ने बैठक को विफल बताते हुए कहा कि शासन तबादले में और प्रशासन अपने में मस्त है। दीपावली आ गई है लेकिन गरीबों को पेंशन तक नहीं मिली। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह द्वारा बैठक में राशन दुकानों की लिस्टों का बार-बार जिक्र करने से लगता है कि शासन पूरी तरह से तबादलों में मस्त है और प्रशासन अपने में मस्त है। बैठक विधायक जजपाल सिंह जज्जी, गोपाल सिंह चौहान, बृजेन्द्र सिंह यादव, कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अजय कटेसरिया, डीएफओ संजय सिंह चौहान, अपर कलेक्टर डॉ.अनुज रोहतगी, जनप्रतिनिधि, समिति के सदस्य गण तथा जिला अधिकारी उपस्थित थे।
बारिश से हुए नुकसान पर साधी प्रषासन ने चुप्पी: सांसद श्री यादव ने कहा कि इस बार जिले में सामान्य से कहीं अधिक बारिष हुई है इससे जहां बड़े पैमाने पर फसलें खराब हुई हैं तो सैंकड़ों कच्चे-पक्के मकान गिरे हैं। लेकिन प्रषासन द्वारा इसका कोई सर्वे अब तक नहीं किया गया। जब बैठक में उन्होंने यह मुद्दा उठाया तो प्रषासन की ओर से आष्वासन के अलावा कोई जबाव नहीं आया। सांसद ने कहा कि केन्द्रीय दल तक खेतों में पहुंच गया लेकिन राजस्व विभाग के कर्मचारी कार्यालयों से बाहर नहीं निकले। ऐसे में किसान के साथ सरकार क्यों खड़ी नहीं हो रही है। हालांकि बैठक में कलेक्टर ने बताया कि जिले में अत्याधिक वर्षा से प्रभावित 01 लाख 67 हजार प्रभाावित फसल रकबें के नुकसान का आंकलन किया गया है। प्रभावित फसलों के नुकसान का मुआवजा हेतु 124 करोड़ रूपये की राशि का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। सांसद ने कर्जमाफी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार के भरोसे में किसानों ने केसीसी जमा नहीं किए जिससे वह डिफाल्टर हो गए। केसीसी जमा न होने से बैंकों ने बीमा नहीं किया, जिससे किसानों को बर्बाद हुई फसलों पर बीमा का लाभ तक नहीं मिल पाया।
हिरण अभ्यारण्य और चंदेरी में बंदरों की समस्या पर हंस दिए प्रभारी मंत्री: बीते साल हुए विधानसभा चुनाव व इस वर्ष के शुरुआती महीनों में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कई मतदान केन्द्रों पर हिरणों से फसलों को नुकसान की समस्या बताकर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था। बैठक में जब सांसद ने यह मुद्दा उठाया तो प्रभारी मंत्री ने हंसकर मुंगावली विधायक बृजेन्द्र सिंह से कहा कि हिरणों का इंतजाम आप कर दो। इसी तरह चंदेरी के मशहूर जागेश्वरी मंदिर में बंदरों की समस्या सांसद ने उठाई तो प्रभारी मंत्री ने समिति सदस्य राघवेन्द्र सिंह सेंगर की ओर इशारा करते हुए कहा कि बंदरों को तो सेंगर साहब देख लेंगे। इसी तरह मुंगावली स्मार्ट सिटी के काम पर भी प्रशासन गंभीर नहीं दिखा। प्रभारी मंत्री ने स्मार्ट सिटी के कार्य में गति लाने के लिए संबंधित एजेंसी के अधिकारियों के साथ बैठक कराये जाने के संबंध में मुख्य नगरपालिका अधिकारी को निर्देशित किया।
96.85 श्रमिकों का सत्यापन, प्रभारी मंत्री ने मांगी राशन दुकानों की रिपोर्ट: बैठक में श्रमिकों के भौतिक सत्यापन के बारे में जानकारी दी गई कि जिले में कुल 96.85 प्रतिशत श्रमिकों का भौतिक सत्यापन किया जा चुका है। खाद्य विभाग की समीक्षा के दौरान प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिए कि शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में राशन का वितरण नियमित रूप से किया जाए। जिले में संचालित 237 उचित मूल्य दुकानों के संबंध में पूरी जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के निर्देश खाद्य अधिकारी को दिए गए। प्रभारी मंत्री ने निर्देशित किया कि आगामी समय में बीपीएल का भी सत्यापन किया जायेगा।