बारह दंगाइयों को दस-दस वर्ष का सश्रम कारावास

पुलिस पर किया था हमला छीने थे हथियार
सागर  दंगा, बलवा व पुलिस से मारपीट कर हथियार छीनने जैसे अपराध करने वाले 12 दंगाईयों को अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय क्रमांक 10 विद्युत अधिनियम मुकेश कुमार सागर की अदालत ने 80 पेज के अपने फैसले में अलग-अलग धाराओं में दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। जिला लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी ब्रजेश दीक्षित ने बताया कि 6 मार्च 2009 को रात करीब 10 बजे झण्डा चौक राहतगढ में जब एक ट्रक को पकडऩे पुलिस बल गया हुआ था तभी वहां मौजूद आरोपियों ने पुलिस के साथ मारपीट कर दी। सूचना पर तत्कालीन थाना प्रभारी आरकेएस चौहान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तो आरोपी जलील वल्द शौकत अली 50, अलीम उर्फ  हलीम वल्द वहीद कुरैशी 45, सरदार वल्द इमामुद्दीन 62, अकरम वल्द नूर मोहम्मद कुरैशी 40, अनीष उर्फ  मुंडा वल्द बाबू मजर, चांद मियां वल्द शमसुद्दीन कुरैशी 31, इकबाल उर्फ  लादेन वल्द फैज मोहम्मद 36, अब्दुल बहीद वल्द मोहम्मद शहीद 55, मोहम्मद भूरा उर्फ  सौरभ वल्द मजीद कुरैशी 34, जहीर वल्द वशीर कुरैशी 38, आबिद वल्द सत्तार खां कुरैशी 35 और खालिद वल्द अब्दुल हकीम कुरैशी 40 वर्ष सभी निवासी राहतगढ सहित अन्य आरोपियों ने एकत्र होकर पुलिस पर लाठी, पत्थरों से लैश होकर हमला कर दिया। आरोपी अलीम, खालिद व जलील ने हाथों में तलवार लेकर आरक्षक सुधीर गौतम के सिर पर तलवार मारी एवं रायफल छीन ली। आरोपियों ने पुलिस से हेलमेट बॉडी गार्ड भी छीन लिए।
      हमले के दौरान उपनिरीक्षक  श्री पांडे, उपनिरीक्षक  श्री सोनी, सहायक उप निरीक्षक श्री अरजरिया, श्री मिश्रा, प्रधान आरक्षक गयाप्रसाद एवं आरक्षक सुधीर गौतम को चोटें आई। जिसके बाद थाना प्रभारी राहतगढ ने थाने पहुंचकर आरोपियों के विरूद्ध मामला दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां विचारण उपरांत अपर सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय क्रमांक 10 विद्युत अधिनियम मुकेश कुमार सागर की अदालत ने 80 पेज के अपने फैसले में 12 आरोपियों को भादवि की धारा 148, 353, 332/149/6 काउंटर 333/149 एवं 397 के तहत क्रमश: एक-एक वर्ष प्रत्येक काउंटर के लिए 5 वर्ष एवं 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 17600 रूपए अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। वहीं आरोपी जलील को आयुध अधिनियम की धारा 25/1.बी के तहत एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपए अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। वहीं इस मामले में तीन आरोपी अभी भी फरार है जबकि एक आरोपी बाबू मियां वल्द शेख मोती कुरैशी की पहले ही मौत हो चुकी है। मामले की पैरवी अभियोजन की ओर से उप संचालक अभियोजन अनिल कटारे ने की।