हनीट्रैप मामले में थाने में बेहोश हुई मोनिका, पहुंचाया गया अस्पताल


रिमांड बढऩे के बाद कोर्ट में फूट-फूटकर रो रही थी 
इंदौर। हनीट्रैप मामले में सबसे कम उम्र की आरोपी मोनिका यादव थाने में बेहोश हो गई है। वहां से पुलिसकर्मियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया है। मोनिका और आरती दयाल की पुलिस रिमांड बढ़ा दी है। अब मोनिका और आरती दयाल 27 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर रहेगी। इस दौरान पुलिस दोनों आरोपियों से सघन पूछताछ करेगी। रिमांड बढऩे के बाद दोनों कोर्ट में फूट-फूटकर रो रही थीं।वहीं, पुलिस जब रिमांड की अवधि बढऩे के बाद उन्हें कोर्ट से थाने ला रही थी तो रास्ते में भी दोनों खूब रो रही थीं। थाने पहुंचते ही मोनिका यादव बेहोश हो गई। उसके बाद पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन में मोनिका को अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज जारी है। आरोपियों के वकील ने कोर्ट में रिमांड अवधि बढऩे के बाद आपत्ति भी जाहिर की। थाना प्रभारी ने कोर्ट में जज से कहा कि आरोपित महिलाओं को राजगढ़, छतरपुर और भोपाल ले जाना है। दरअसल, आरती दयाल छतरपुर की रहने वाली है और मोनिका राजगढ़ की। लेकिन फिलहाल दोनों भोपाल में रह रही थीं। ऐसे में आरती के खिलाफ छतरपुर में भी कई मामले दर्ज है। अब पुलिस वहां ले जाकर भी इनसे पूछताछ करेगी। साथ ही शिनाख्त भी करवाएगी।


एमवाय में चल रहा इलाज
फिलहाल मोनिका का इलाज एमवाए अस्पताल में चल रहा है। मोनिका और आरती को लेकर पुलिस शनिवार को उन दोनों होटलों में भी गई थी जहां इनलोगों ने इंजीनियर का वीडियो बनाया था। हालांकि पुलिस के सामने मोनिका बोलती रही है कि इस मामले के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है। आरती दयाल ने ही सबकुछ किया है। आरती से उसकी दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी। नौकरी के नाम पर आरती ने उसके साथ छल किया है। आरती दयाल पूछताछ के दौरान पुलिस के सामने झल्लाई भी है। वहीं, कोर्ट में आरती और मोनिका रिमांड पेपर पर साइन भी नहीं कर रही थीं। लेकिन पुलिस ने जब फटकार लगाई तो दोनों ने रिमांड पेपर पर साइन किया। पुलिस को उम्मीद है कि पांच दिनों की रिमांड अवधि पर दोनों और भी कई राज उगलेंगे।