- गिरफ्तार महिलाओं के पास हैं कई सफेदपोशों के वीडियो
- नगर निगम इंदौर के इंजीननियर हरभजन सिंह निलंबित
भोपाल/इंदौर। मध्यप्रदेश सरकार के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने हनीट्रैप मामले में बड़ा फैसला लिया है। इस मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। पुलिस मुख्यालय में बड़े अधिकारियों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। इस बैठक में यह तय हो गया है कि अब हनी ट्रैप मामले की जांच एसआईटी करेगी। एसआईटी के चीफ भोपाल के पूर्व डीआईजी श्री निवास वर्मा होंगे। इधर, प्रभारी कमिश्नर एसके चैतन्य ने नगर निगम इंदौर के इंजीनियर हरभजन सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
हालांकि अभी एसआईटी के सदस्यों के नाम फाइनल नहीं हुए हैं। एसआईटी से इस मामले की जांच करवाने को लेकर कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की गई थी। अब एसआईटी का गठन पुलिस मुख्यालय का बड़ा फैसला माना जा रहा है। क्योंकि इस मामले में कई सफेदपोशों के बेनकाब होने की संभावना है। स्थानीय पुलिस पर इस केस को लेकर काफी दबाव है। गिरफ्तार महिलाओं के अप्रोच कई रसूखदारों तक हैं।
ये है मामला
दरअसल, इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह गिरफ्तार महिलाओं के खिलाफ पलसिया थाने में ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज करवाया था। जिसमें इंजीनियर ने कहा था कि ये वीडियो के जरिए ब्लैकमेल कर रही है। उसके बाद एटीएस की टीम ने कार्रवाई करते हुए इंदौर से दो आरती दयाल और मोनिका यादव को गिरफ्तार किया था। उसके बाद भोपाल से तीन महिलाओं की गिरफ्तारी हुई थी। गिरफ्तारी के बाद इन महिलाओं के पास से ढेर सारे इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स मिले थे। जिसमें करीब सौ से ज्यादा लोगों के रंगीन वीडियो थे। इन वीडियो के जरिए ही गिरफ्तार महिलाएं लोगों को ब्लैकमेल करती थीं। पूछताछ के दौरान कई रसूखदारों के नाम भी उजागर हो रहे थे। उसके बाद से पुलिस पर भारी दबाव था कि मामले की जांच दूसरे एजेंसी को सौंप दी जाए। अब पुलिस मुख्यालय ने इस केस की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दिया है।
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