हमें क्यों पकड़ा है, इंजीनियर को पकड़ो - आरती दयाल


-कोर्ट ने आरोपी आरती और मोनिका को 27 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा
 
इंदौर। हनी ट्रैप मामले में कोर्ट ने आरोपी युवती आरती और मोनिका को कोर्ट ने 27 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा है, जबकि उनके ड्राइवर को 4 अक्टूबर तक जेल भेज दिया गया है। रविवार को आरोपियों का एमवाय अस्पताल में मेडिकल करवाने के बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया था।
जांच के बाद कोर्ट में पेशी के लिए जा रही आरती ने मीडिया से बात की। आरती ने कहा कि हमें क्यों पकड़ा है, हरभजन को पकड़ो। मीडिया ने आरती से पूछा कि मामले में और कौन-कौन शामिल हैं? इस पर आरती ने चुप्पी साध ली। इधर, महापौर मालिनी गौड़ ने नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह से मामले में चर्चा कर निगम अधिकारी हरभजन के निलंबन की अनुशंसा की है। सूत्रों के अनुसार हरभजन सिंह से निगम के सभी विभागों का प्रभार वापस ले लिया गया है।
इससे पहले शनिवार देर रात सीएसपी ज्योति उमठ आरती और मोनिका को लेकर विजय नगर स्थित होटल इन्फिनिटी और होटलश्री पहुंचीं। यहां जांच में सामने आया कि 18 अगस्त को होटलश्री में खुद हरभजन ने रूम बुक करवाया था। 30 अगस्त को होटल इन्फिनिटी में मोनिका और आरती के साथ एक और लड़की रूपा अहिरवार भी आई थी। मोनिका ने हर जगह फर्जी आधार कार्ड सीमा पुत्री राजेश सोनी निवासी जबलपुर के नाम से दिखाया था।
श्वेता के भाई को ठेका दिलवाया था हरभजन ने
निगम इंजीनियर हरभजन सिंह ने श्वेता स्वप्निल जैन के भाई को इंदौर में पाइप लाइन का ठेका दिलवाने में मदद की थी। पुलिस इस डीलिंग को खंगाल रही है। श्वेता की भोपाल में एक फैक्ट्री भी है। उसने वह फैक्ट्री कैसे डाली और उसका अब तक कितने रुपयों का ट्रांजेक्शन है, इसकी भी जांच की जा रही है। उधर, आरती ने भोपाल के एक आईएएस अफसर को भी हरभजन की तरह ही ब्लैकमेल करना कबूला है। एसएसपी और एसपी ने महिला थाने पहुंचकर आरती और मोनिका से पूछताछ की, लेकिन निगम इंजीनियर हरभजन सिंह के अलावा किसी भी नाम का खुलासा नहीं किया जा रहा है। श्वेता जैन और बरखा सोनी से जब एटीएस पूछताछ कर रही थी तो कोई भी अफसर वहां नहीं जा रहा था। जैसे ही तीनों जेल गईं तो महिला थाने पर लगी पाबंदियां हटा ली गईं। एटीएस भी दोनों श्वेता और बरखा पर टारगेट कर रही है, क्योंकि उनसे अहम जानकारियां मिली है। हनी ट्रैप गैंग ने पुलिस को कुछ और साथियों की जानकारी दी है, लेकिन पुलिस पूरी तस्दीक करने के बाद ही उन्हें आरोपी बनाएगी। अभी जिन लोगों के नाम-पते सामने आए हैं, उन्हें ट्रेस किया जा रहा है और पुख्ता सबूत जुटाए जा रहे हैं। फिलहाल पुलिस के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि गैंग में पर्दे के पीछे कौन है। श्वेता स्वप्निल जैन और श्वेता विजय जैन के बारे में सामने आया है कि भोपाल के एक पुराने नामी होटल के जिम में इनका निरंतर आना-जाना पिछले कुछ सालों से हुआ। इसी जिम में कई सीनियर अफसर व उद्योगपति भी जाते थे। इसी जगह को दोनों महिलाओं ने जाल में फांसने का केंद्र बनाया। बताया जा रहा है कि स्वप्निल का इसी होटल की पार्किंग में कुछ दिनों पहले एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के साथ विवाद हुआ था। उधर, आरती और मोनिका का रविवार को रिमांड खत्म हो गया। पुलिस को हरभजन के मामले में जितनी पूछताछ करना थी, वह सब की जा चुकी है। अब पुलिस सिर्फ औपचारिकता के नाते रिमांड मांगेगी। लग्जरी लाइफ जीने वाली श्वेता जैन, श्वेता विजय जैन और बरखा सोनी को जिला जेल की अलग-अलग बैरकों में भेज दिया गया। जिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी के अनुसार तीनों को बता दिया है कि यहां रौब नहीं चलेगा। उनके सारे कागजात बनाए गए, जिसके चलते किसी को भी मिलने की परमिशन नहीं दी गई थी। किसी के भी परिजन ने जेल में मुलाकात के लिए वक्त नहीं मांगा है।