पन्ना में प्रदर्शित किए गए 7 हजार करोड़ के 27 हजार कैरेट हीरे


- अडानी, वेदांता समेत कई कंपनियां पहुंचीं

पन्ना। आस्ट्रेलिया की हीरा कंपनी रियो टिंटों द्वारा छतरपुर जिले के बकस्वाहा के बंदर प्रोजेक्ट से निकाले गए करीब 27 हजार कैरेट हीरों की प्रदर्शनी पन्ना के महेंद्र भवन में रखी गई है। दो दिवसीय प्रदर्शनी में देश की नामी गिरामी कंपनियां शामिल हो रही हैं। दरअसल, मप्र सरकार बंदर प्रोजेक्ट को चालू करने के लिए निवेशक की तलाश कर रही है। इसमें कई कंपनियों ने रुचि भी दिखाई है। इन्हीं कंपनियों को प्रदर्शनी में आमंत्रित किया गया है। 27 हजार कैरेट हीरों की अनुमानित कीमत 7 हजार करोड़ रुपए बताई जा रही है, जिसके लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। पन्ना खनिज अधिकारी आरके पांडेय ने बताया कि छतरपुर जिले के बकस्वाहा क्षेत्र में स्थित बंदर डायमंड प्रोजेक्ट की प्रोसेसिंग के दौरान हीरे निकाले गए थे। बकस्वाहा से एकत्र किए गए हीरों को दिखाने के लिए 16 अगस्त तक आवेदन जमा कराने वाले निवेशकों को एकत्रित कच्चे हीरों का अवलोकन एवं अध्ययन महेंद्र भवन में 20 व 21 अगस्त को किया जाएगा। बंदर हीरा प्रोजेक्ट में निवेश को लेकर कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इनमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों के प्रतिनिधि हीरों का अवलोकन करने के लिए पहुंचेंगे। इनमें एनएमडीसी, अडानी ग्रुप, वेदांता समूह, शिव रूंगटा माईंस, अरविंद रूरल एण्ड इन्फ्रास्ट्रेक्चर प्राइवेट लिमिटेड जैसे कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं। दरअसल आस्ट्रेलियाई कंपनी ने बंदर प्रोजेक्ट को शुरू किया था। सर्वे के बाद उन्होंने प्रोस्पेक्टिंग लीज हासिल करके हीरों का भंडार पाया था। 2003 से लेकर 2016 तक कंपनी लगातार अलग-अलग चरणों में काम करती रही। कंपनी खनन लीज हासिल करना चाह रही थी, लेकिन भारत सरकार से पर्यावरणीय स्वीकृत नहीं मिलने के कारण रियो टिंटो ने प्रोजेक्ट से हाथ खींच लिए थे, तब से प्रोजेक्ट बंद है। अब एक बार फिर कांग्रेस सरकार हीरा खनन परियोजना के लिए निवेशक की तलाश कर रही है, जिससे प्रोजेक्ट को शुरू किया जा सके। प्रदर्शनी में कंपनियां अपने विशेषज्ञ भेज रही हैं। यह विशेषज्ञ हीरों का अवलोकन करेंगे। वह बेहतर ढंग से सहज स्थिति में अवलोकन व अध्ययन कर सकेंगे, जिससे प्रोजेक्ट की लागत और उत्पादन की संभावनाओं का आकलन किया जा सके। इस पूरे कार्य की मॉनीटरिंग करने के लिए 18 अगस्त को भोपाल सहित अन्य जिलों के अधिकारी जिनकी ड्यूटी लगाई गई है। उनकी टीम भी पन्ना पहुंच गई है। इस कार्य का संपूर्ण दायित्व सचिव खनिज साधन विभाग का होगा। इसके लिए सचिव खनिज साधन विभाग अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर कठिनाइयों का निराकरण करेंगे।