जुबानी जंग / चीन ने कहा- अमेरिका यूएन का बकाया 151 अरब रुपए चुकाए; अमेरिका ने कहा- यह कोविड-19 से ध्यान हटाने की कोशिश

जुबानी जंग / चीन ने कहा- अमेरिका यूएन का बकाया 151 अरब रुपए चुकाए; अमेरिका ने कहा- यह कोविड-19 से ध्यान हटाने की कोशिश





चीन समेत 50 देशों ने गुरुवार को यूएन के पूरे बकाए का भुगतान कर दिया। यूएन में 193 सदस्य देश हैं। कोविड-19 पर अमेरिका और चीन में जुबानी जंग जारी है।






  • अमेरिका ने कहा- चीन कोविड-19 पर अपनी गलती से दुनिया का ध्यान हटाना चाहता है

  • यूएन के पीसकीपिंग और रेग्युलर बजट में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी अमेरिका की


यूनाइटेड नेशंस. चीन ने शुक्रवार को यूनाइटेड नेशंस के सदस्य देशों से बकाया चुकाने को कहा। चीन ने खासतौर पर अमेरिका का नाम लिया। कहा- अमेरिका पर 2 अरब डॉलर ( 151 अरब 75 करोड़ रुपए) से ज्यादा का बकाया है। 
चीन ने यूएन के सेक्रेटरी जनरल ऑफिस की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा,‘‘14 मई तक यूएन के रेग्युलर बजट का 1.63 अरब डॉलर और पीसकीपिंग बजट का 2.14 अरब डॉलर बकाया है। कुछ देशों ने कई साल से बकाया नहीं दिया। इसमें अमेरिका सबसे ऊपर है। उसे नियमित बजट में 1.165 अरब और पीसकीपिंग बजट में 1.332 अरब डॉलर का भुगतान करना है।” चीन के इस बयान पर अमेरिका ने पलटवार करते हुए कहा- चीन कोविड-19 पर अपनी लापरवाही से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। यह भी उसी का हिस्सा है।अमेरिका ने कहा- हमने हाल ही में पीसकीपिंग बजट के लिए 72.6 करोड़ डॉलर दिए हैं। साल के आखिर तक बाकी भी चुका देंगे। 


पीसकीपिंग मिशन


यूएन के पीसकीपिंग मिशन में जब सदस्य देश फंड देने में देरी करते हैं तो इसका सीधा असर उन देशों पर पड़ता है, जहां के सैनिक यूएन के मिशन में तैनात होते हैं। ऐसे में यूएन उन देशों को सैनिकों की तैनाती के एवज में पैसा नहीं दे पाता। 11 मई को यूएन सेक्रेटरी जनरल एंतोनियो गुतेरस भी इस मुद्दे पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।


अमेरिका सबसे ज्यादा हिस्सेदारी देता है
यूएन के कुल बजट में सबसे बड़ा हिस्सा अमेरिका ही देता है। यह करीब 22 फीसदी (तीन अरब डॉलर) है। पीसकीपिंग मिशन में अमेरिका 25 प्रतिशत (6 अरब डालर) देता है। पहले यह 27.89 फीसदी था। 2017 में अमेरिकी कांग्रेस ने इसमें कमी कर दी। अमेरिका को हर साल 20 करोड़ डॉलर की बचत हो रही है। 


अमेरिका के बाद चीन 
गुरुवार को यूएन के 193 में से करीब 50 देशों ने पूरे बकाए का भुगतान कर दिया है। इनमें चीन भी शामिल है। अमेरिका के बाद चीन सबसे ज्यादा हिस्सेदारी देता है। हालांकि, यह फिर भी अमेरिका से काफी कम है। चीन यूएन के रेगुलर बजट का करीब 12 और पीसकीपिंग बजट का करीब 15 प्रतिशत देता है। 


डब्ल्यूएचओ को चीन के बराबर फंडिंग देगा अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का प्रशासन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेसन की फंडिंग बहाल करने को तैयार है। फॉक्स न्यूज ने मुताबिक, अमेरिका अब उतनी ही फंडिंग देगा, जितनी चीन देता है। यानी पहले के मुकाबले सिर्फ 10 फीसदी। 14 अप्रैल को ट्रम्प ने कोविड-19 को लेकर डब्ल्यूएचओ पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए फंडिंग रोक दी थी। अमेरिका हर साल  40 करोड़ डॉलर की फंडिंग करता रहा है।



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